Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़पीलीभीतPrachi Chaitanya Narrates King Harishchandra s Story of Truth and Dharma in Shrimat Bhagwat Katha at Rampura

राजा हरिश्चंद्र की कथा से ली प्रेरणा

रम्पुरा में चल रही सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा राजा हरिश्चंद्र की कथा से ली प्रेरणाराजा हरिश्चंद्र की कथा से ली प्रेरणाराजा हरिश्चंद्र की कथा से ली

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतSun, 18 Aug 2024 06:18 PM
share Share

रम्पुरा में चल रही श्रीमद भागवत कथा में कथावाचक प्राची चैतन्य ने कहा कि अयोध्या के राजा हरिशचंद्र बहुत ही सत्यवादी और धर्मपरायण राजा थे। सत्य धर्म का पालन करने और वचनों को निभाने के लिए राजपाट छोड़कर पत्नी और बच्चे के साथ जंगल चले गए और वहां भी उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी धर्म का पालन किया। ऋषि विश्वामित्र द्वारा राजा हरिशचंद्र के धर्म की परीक्षा लेने के लिए उनसे दान में उनका संपूर्ण राज्य मांग लिया गया था। राजा हरिशचंद्र भी अपने वचनों के पालन के लिए विश्वामित्र को संपूर्ण राज्य सौंपकर जंगल में चले गए। दान में राज्य मांगने के बाद भी विश्वामित्र ने उनका पीछा नहीं छोड़ा और उनसे दक्षिणा भी मांगने लगे। इस पर हरिशचंद्र ने अपनी पत्नी, बच्चों सहित स्वयं को बेचने का निश्चय किया और वे काशी चले गए। जहां पत्नी व बच्चों को एक ब्राह्मण को बेचा व स्वयं को चांडाल के यहां बेचकर मुनि की दक्षिणा पूरी की। हरिशचंद्र शमशान में कर वसूली का काम करने लगे। इसी बीच पुत्र रोहित की सर्पदंश से मौत हो जाती है। पत्नी शमशान पहुंचती है। जहां कर चुकाने के लिए उसके पास एक फूटी कौड़ी भी नहीं रहती। हरिशचंद्र अपने धर्म पालन करते हुए कर की मांग करते हैं। इस विषम परिस्थिति में भी राजा का धर्म-पथ नहीं डगमगाया। कथा सुनकर भक्त गदगद हो गये।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें