बढ़ाकर बेटों का अनुपात, करोगे किसके संग बरात
Pilibhit News - नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में कई कवियों ने अपनी रचनाएँ प्रस्तुत कीं, जिनमें भ्रूण हत्या, जीवन के रंग और पारिवारिक संबंधों पर कविताएँ शामिल थीं।...
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। पीलीभीत सांस्कृतिक मंच की ओर से काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें पारुल ने भ्रूण हत्या पर कहा कि न शहनाई गूंजेगी अंगना, डोली उठे न राखी बंधना। बढ़ाकर बेटों का अनुपात, करोगे किसके संग बरात। श्रीनाथ ने यूं गुनगुनाया-जीवन के कैनवास पर मैंने जो भी रंग उकेरे हैं,मानो या न मानो सबके सब वह तेरे हैं। नगीना ने कहा- बेटी होती सुन्दर फूल,इनको दिल से करो कुबूल। फैजान खान ने पढ़ा-वर्षों बीते झरबेरी के बेर नही खाए, हम गाँव नही आए। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सम्मानित दिव्यांग हास्य कवि जगन्नाथ चक्रवर्ती ने हास्य कविता में कहा सब कुछ बदल गया बदलते परिवेश में, हमने बहुत घाटा उठाया है मुहब्बत के निवेश में। कार्यक्रम में रूबी खडसारी,अविरल नाथ, अनुपम कुमार बरेलियन, ने भी काव्य पाठ किया। संचालन अरविन्द कुमार ने किया।
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