अधिवक्ताओं ने किया प्रदर्शन
Pilibhit News - बार एसोसिएशन संगठन ने प्रधानमंत्री को ज्ञापन सौंपा जिसमें अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 पर आपत्ति जताई गई है। अधिवक्ताओं का कहना है कि यह विधेयक उनके मौलिक अधिकारों को समाप्त कर रहा है और न्याय की...
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बार एसोसिएशन संगठन ने शुक्रवार को प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि केंद्र सरकार द्वारा अधिवक्ता संशोधन विधेयक-2025 के प्रारूप पर 28 फरवरी तक आपत्ति आमंत्रित की गई हैं। इस क्रम में तहसील अमरिया के अधिवक्ताओं द्वारा अवगत कराया जा रहा है कि प्रस्तावित संशोधन विधेयक संविधान में दिए गए मौलिक अधिकार स्वतंत्रता के अधिकारों को समाप्त कर रहा है। भारत की आजादी से अब तक राष्ट्र निर्माण में अधिवक्ताओं की महत्वपूर्ण भूमिका रही है । समाज के सबसे कमजोर व्यक्तियों को न्याय दिलाने के लिए अधिवक्ता हमेशा तैयार रहता है। अधिवक्ताओं के बगैर समाज में न्याय की कल्पना संभव नहीं है । प्रस्तावित संशोधन विधेयक अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता समाप्त करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रस्तावित धारा 33ए, 35, 35 ए 36 किसी भी रूप में स्वीकार नहीं है। अधिवक्ताओं में इसे लेकर आक्रोश है। प्रस्तावित संशोधन विधेयक प्रत्येक दशा में वापस होन चाहिए।अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता बनाये रखना सरकार की जिम्मेदारी है। ज्ञापन देने वालों में तहसील बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मुस्ताक मदार, वरिष्ठ उपाध्यक्ष तनवीर अंसारी, उपाध्यक्ष शान्ति स्वरूप , कोषाध्यक्ष तसलीम, इल्यास अहमद खान, सचिव एम के मौर्य, निरंजन, आदि लोग शामिल रहे।
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