कानूनगो और लेखपाल निलंबित,शासन को जाएगी रिपोर्ट
जालसाजी कर बनवाए गए परमिटों से जंगल का सफाया करने के मामले में हिन्दुस्तान के खुलासे पर अब जिला प्रशासन ने भी मुहर लगा दी है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने पूरनपुर तहसील के कानूनगो और लेखपाल को...
जालसाजी कर बनवाए गए परमिटों से जंगल का सफाया करने के मामले में हिन्दुस्तान के खुलासे पर अब जिला प्रशासन ने भी मुहर लगा दी है। जांच रिपोर्ट मिलने के बाद डीएम ने पूरनपुर तहसील के कानूनगो और लेखपाल को निलंबित कर दिया है। साथ ही सामाजिक वानिकी के डीएफओ समेत छह अधिकारियों के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। ठेकेदारों के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी है।
बता दें कि भारत नेपाल सीमा पर थाना हजारा और पूरनपुर क्षेत्र के चंदिया हजारा और राहुलनगर में जालसाजी कर ठेकेदारों ने किसानों के नाम से परमिट बनवाकर शीशम के करीब 49 पेड़ काट दिए थे। मामले में एसपी ने जांच कराई तो पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। इसके बाद डीएम को रिपोर्ट भेजी गई। डीएम ने डिप्टी कलक्टर वंदना त्रिवेदी के नेतृत्व में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर जांच कराई थी। जिसमें राजस्व और वन विभाग के अफसर दोषी पाए गए हैं। कमेटी ने जांच पूरी करके रिपोर्ट डीएम को भेजी है। जांच रिपोर्ट के आधार पर डीएम ने पूरनपुर तहसील के कानूनगो श्रीनिवास, लेखपाल नरेश को निलंबित कर दिया है। उधर, डीएफओ संजीव कुमार, रेंजर राजकुमार शर्मा, वन क्षेत्राधिकारी वजीर हसन, वन दारोगा नवीन सिंह बोरा, चंद्रमणिपांडेय, करुणानंद पांडेय के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी जा रही है। जालसाजी कर परमिट बनवाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के आदेश एडीएम को दिए हैं। डीएम वैभव श्रीवास्तव ने बताया कि मामला गंभीर है। तह तक जाकर हर बिंदु का अवलोकन किया जा रहा है। जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
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