तराई के अंगना में चहक उठी नेपाल और भारत की संस्कृति
Pilibhit News - इंडो नेपाल मैत्री महोत्सव के दो दिवसीय समापन कार्यक्रम का शुभारंभतराई के अंगना में चहक उठी नेपाल और भारत की संस्कृतितराई के अंगना में चहक उठी नेपाल और
सात जिलों में भारत नेपाल मैत्री का संदेश देकर पहुंचे भारत नेपाल के कलाकारों ने लोक संस्कृति और सभ्यता की ऐसी छठा बिखेरी कि दोनों देशों के बीच दोस्ती के रंग और गहरे हो उठे। कलाकारों ने एक से एक उम्दा लोक नृत्य प्रस्तुत कर समां बांध दिया। जोरदार दर्शकों ने करतल ध्वनि से सभी को उत्साह बढ़ाते हुए स्वागत किया। दो दिवसीय समापन कार्यक्रम का शुभारंभ एसपी अविनाश पांडेय ने करते हुए इसे इस उत्कृष्ट आयोजन को दोस्ती का सागर बताया। एसपी ने कहा कि कला सभ्यता परिधान और बोली जहां मिलती है वहां फिर दिलों की दूरिया नहीं रह जाती। शुभारंभ कार्यक्रम में सीडीओ केके सिंह ने मिथिला और जनकपुर के सीधे संबंध को उजागर करते हुए बताया कि मित्र राष्ट्र नेपाल से हमारी दूरी उतनी है जितनी उप्र की उत्तराखंड या किसी अन्य राज्य से। इसके बाद कार्यक्रम के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए संतकबीर नगर की स्वीटि सिंह ने आयोजन की शुरूआत की। नेपाली नृत्य बधाई पर कलाकारों ने पारंपरिक वस्त्रों के साथ जो प्रस्तुति दी तो दर्शक ठगे से देखते रह गए। सभी ने उत्साह के साथ लोकगीतों का मनोरंजन लिया। नेपाली नृत्य मगर के अंतर्गत युगल गीत पर नेपाल के युवाओं और युवतियों पारपरिंक गीतों के साथ इस आयोजन को खास बना दिया। नेपाल के कलाकारों के बीच झीझी नृत्य पर उप्र के पीलीभीत की बंटी सिंह की अगुवाई में थारू जनजातिक पर आधारित कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। नृत्य नाटिका के अंतर्गत प्रयागराज से आई सुनिधि पाठक के स्वरों की गूंज में पीलीभीत की बांसुरी की तान ने गजब का माहौल बना दिया। राजस्थानी लोक नृत्य के साथ बनारस की सुनिधि पाठक और मथुरा की वंदना के साथ ब्रज रास में फूलों की होली ने ऐसा माहौल बनाया कि फाल्गुन का माहौल जीवंत हो उठा। आयोजन में हिमानी कपूर के स्वरों ने अपना जादू बिखेरा। रविवार को आकृति मेहरा की वालीवुड सिंगर्स नाइट का कार्यक्रम है। आयोजन में पालिकाध्यक्ष डा.आस्था अग्रवाल, एडीएम ऋतु पूनिया, सिटी मजिस्ट्रेट विजय वर्धन तोमर, डीडीओ संजय सिंह, एआरटीओ वीरेंद्र कुमार समेत अधिकारी मौजूद रहे।
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तराई के अंगना में चहक उठी नेपाल से भारत तक की संस्कृति
फोटो : 30 कंचनपुर के कलाकारों की टोली उत्साहित दिखी।
पीलीभीत। कहने को तो यह आयोजन भारत नेपाल मैत्री महोत्सव के नाम है। इसमें सात जिले सिद्धार्थनगर, कुशीनगर, महाराजगंज, श्रावस्ती, बहराइच, बलरामपुर, लखीमपुर होते हुए आठवां और अंतिम पड़ाव पीलीभीत है। पर इन आठ जिलों के अलावा भी यहां अन्य राज्यों की छाप दिखी। विविधता में एकता और संस्कृति के रंग में रंगे इस आयोजन को मेजबानों ने पहल कर खास बना दिया है। आयोजन में मथुरा के कान्हा की झांकी रही तो वहीं प्रयागराज महाकुंभ की झलक भी। यही नहीं बनारस के महादेव और राजस्थान के मरुस्थल व मेहमान नवाजी के साथ ही महाराष्ट्र के फिल्मी स्वरों की गंज ने हर किसी को प्रभावित किया। आयोजन में ही संतकबीर नगर समेत यूपी के 12 जिलों का सीधा प्रतिनिधित्व इस आयोजन के जरिए नेपाल के जनकपुरी से सीधा जुड़ाव बयां करता रहा। यहां आए अतिथियों ने भी नेपाल और भारत के एतिहासिक और पौराणिक संबंधों की गहराई को बता कर आयोजन की सार्थकता को बढ़ा दिया।
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एक ही शाखा के दो फूल हैं हम
फोटो : 26 करुणा
नेपाल के कंचनपुर की करुणा ने बताया कि सात जिले नहीं बल्कि यहां पूरा भारत है। हमें ऐसा एक बार भी नहीं लगा कि हम अपने घर में नहीं हैं। यही हमारे संस्कृति की खूबसूरती है।
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एक ही पेड़ के हम दो फूल
फोटो : 27 ईशु
कंचनपुर की ही ईशु ने बताया कि हमारे पारंपरिक परिधान और यहां भारत में लोकगीतों में बहुत समानता है। हम एक ही पेड़ के दो अलग अलग फूल हैं। हममें कोई भिन्नता नहीं है।
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बार बार आना चाहेंगे
फोटो : 28 सरिता
सरिता कहती हैं कि कहीं पर भी किसी भी जिले में हमें ऐसा आभास नहीं हुआ कि हम पराए से हों। इतना प्यार स्नेह और देखरेख मिल रही है कि हम अविभूत हैं। बार बार आना चाहेंगे।
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अपने ही घर में हैं हम
फोटो : 29 आदित्य
आदित्य ने बताया कि हम लोक संस्कृति के वाहक है। पर हम यहां आकर देख रहे हैं घर जैसा ही तो है सब कुछ यहां पर। हमें लग रहा है हम तो अपने घर में ही अपनों के बीच हैं।
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