पूरनपुर के कई हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों पर स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल
ग्रामीणों को नजदीक के सेंटर पर स्वास्थ्य सेवाओं का नहीं मिल रहा लाभ पूरनपुर के कई हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों पर स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल पूरनपुर के कई हेल
पूरनपुर, संवाददाता। ग्रामीणों को उनके गांव या फिर नजदीक के गांव में ही 30 मिनट में उपचार दिलाने के लिए उप स्वास्थ्य केंद्रों पर हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर बनाए गए। पूरनपुर सीएचसी क्षेत्र में संचालित सभी सेंटरों पर सीएचओ की भी तैनाती है। बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्र के मरीज सीएचसी में दवा लेने पहुंच रहे हैं। बताते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों द्वारा समय-समय पर मानीटरिंग नहीं ही जा रही है। इसका फायदा सेंटर पर कार्यरत स्टाफ उठा रहा है। अधिकांश सेंटर न तो समय से खुलते हैं और न ही बंद होते हैं। ऐसे में ग्रामीणों को हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
पूरनपुर और कलीनगर तहसील क्षेत्र में 45 से अधिक हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर हैं। बताते हैं कि सरकार द्वारा ग्रामीण इलाकों के मरीजों को समय पर प्राथमिक उपचार दिलाने के उद्देश्य से हेल्थ एवं वलेनेस सेंटर बनाए गए। इन सेंटरों पर मलेरिया, हीमोग्लोबिन, ब्लड प्रेशर, बलगम आदि की जांच की जाती है। सेंटरों पर आने वाले मरीजों को परामर्श देने के साथ ही प्रारंभिक इलाज के लिए वहां सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी) की नियुक्ति की गई। साथ ही संबंधित प्रसव केंद्र पर तैनात एएनएम की भी तैनाती की गई। बताया जाता है कि सेंटरों पर संसाधनों के साथ पर्याप्त दवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इससे ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को पूरनपुर सीएचसी या निजी क्लीनिकों की दौड़ लगानी पड़ रही है। आरोप है कि अधिकांश हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर पर कार्यरत स्टाफ अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं कर रहा है। देर से आना और समय से पहले की जाना उनकी आदत बन गई है। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों को नजदीक में प्राथमिक उपचार नहीं मिल रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी सेंटरों की मानीटरिंग नहीं करते हैं। इसका फायदा सेंटर पर तैनात स्टाफ उठा रहा है और खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। अगर क्षेत्र में संचालित सेंटरों पर ग्रामीणों को सही से स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिलने लगे तो उनको सीएचसी व निजी क्लीनिकों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। ग्रामीणों ने हेल्थ एवं वेलनेस सेंटरों का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर कराने की मांग उठाई है।
यह है सीएचओ की भूमिका
सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर आने वाले गंभीर मरीजों की समस्याओं को सुनकर सर्जन या फिर फिजीशियन से बीमारी के बारे में ऑनलाइन चर्चा करेंगे। इसके बाद डॉक्टर ग्रुप पर ही संबंधित बीमारियों की दवाएं लिखकर भेजेंगे जो मरीजों को दी जाएंगी। गंभीर मरीज होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किए जाने की व्यवस्था है। सेंटर पर कई प्रकार की जांचे भी की जा सकती हैं। इसके अलावा अन्य कई भूमिका भी सीएचओ की है लेकिन अधिकांश सीएचओ अपनी जिम्मेदारी कापूरी तरह से निर्वहन नहीं कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर सही से जांच हो तो उनकी मनमानी और लापरवाही उजागर होना तय है।
पूरनपुर सीएचसी क्षेत्र में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर सीएचओ की तैनाती है। सभी सेंटरों पर संसाधन और दवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। सीएचओ द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के प्राथमिक उपचार में लापरवाही की जा रही है तो यह गलत है। इस संबंध में जानकारी जुटाई जा रही है।
डॉक्टर आलोक शर्मा
सीएमओ, पीलीभीत
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।