उवर्रक की कमी ने बढ़ाई किसानों की टेंशन, बुआई में हो रही देरी
बिलसंडा में किसान गेहूं और रबी फसलों की बुआई में डीएपी और एनपीके की कमी से परेशान हैं। दुकानों पर उवर्रक मिलना मुश्किल है और बाजार में कीमतें बहुत अधिक हैं। किसानों का आरोप है कि दुकानदार रसीद भी नहीं...
बिलसंडा, संवाददाता। गेहूं व रबी फसलों की बुआई पर्याप्त मात्रा में एनपीके व डीएपी के अभाव में प्रभावित हो रही है। समितियों से लेकर दुकानों तक किसान भटक रहे हैं लेकिन डीएपी एनपीके नहीं मिल पा रही है, बाजार में कुछ दुकानों पर है तो उसका रेट बहुत अधिक है। किसानों का आरोप है कि तमाम दुकानदार रसीद भी नहीं दे रहे। बिलसंडा में ब्लॉक क्षेत्र में बिलसंडा, नांद, बमरोली, जमुनिया महुआ, भदेंगकंजा, घुंघचईया समेत विभिन्न बी पैक्स समितियों के अलावा इफ्को के कई प्राइबेट केंद्र सक्रिय हैं लेकिन जरूरत के वक्त हमेशा की तरह इन वक्त सभी खाली हैं। समिति व दुकानों पर पिछले कुछ दिनों से जिला प्रशासन के अधिकतम तीन बोरी खाद के आदेश से भी किसानों की बुबाई प्रभावित है। हर साल बुआई के वक्त होने वाली इस दिक्कत से किसान दुखी हैं। किसानों का कहना है कि फसल पैदा करने से लेकर बेचने तक उनको हर जगह लाइन में लगकर धक्के खाने पड़ते हैं। बेचने जाए तो भी दिक्कत। सही दाम नही मिलता। किसान मजदूर संगठन के ब्लाक अध्यक्ष अंग्रेज सिंह ने जिला प्रशासन से समितियों पर पर्याप्त मात्रा में उवर्रक की मांग की है। हालांकि समिति इंचार्जों की बात करें तो उनका है कि डिमांड भेज रखी है। आज कल में ही रैक लगने की उम्मीद है, किल्लत खत्म हो जाएगी।
किसानों की बात...
1600 में दिया डीएपी का कट्टा
फोटो : 7 रामदास।
नगरारता के किसान रामदास ने बताया कि डीएपी की बोरी बिलसंडा में उनको 1600 रुपये में एक दुकानदार ने दी है। रशीद मांगने पर मना कर दिया। बोले, कई दिन चक्कर लगाने के बाद डीएपी मिल पाई। करीब 20 दिन बुबाई लेट हो गई। रामदास की तरह ऐसे तमाम किसान मिले जो उवर्रक ओवररेट के खुलेआम आरोप लगा रहे हैं।
उवर्रक की दिक्कत से बुबाई लेट
फोटो: 8 प्रवेश सिंह।
सिमरोली के रहने वाले कृषक प्रवेश सिंह ने बताया कि उर्वरक किल्लत से किसानों की बुबाई का काम 15 दिन से एक महीना तक पिछड़ गया है। छोटे मझले किसानों के सामने ज्यादा समस्या है। हर साल इन दिनों यही होता है। जब सरकार को पता होता है तो पहले व्यवस्था करनी चाहिये।
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