पीलीभीत में गोल्डन सेब की फसल देख हर कोई हैरान, लॉकडाउन में अधिक देखभाल ने बदल दिया फल का रंग
कुदरत के रंग भी हजार हैं। पहले लॉकडाउन में आबोहवा ने ऐसा रंग दिखाया कि तराई की एक बगिया में सेब की पैदावार दिखाई दी। अब लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक वन हुआ है तब भी अजूबा सामने आया। अब गोल्डन एप्पल का फल...
कुदरत के रंग भी हजार हैं। पहले लॉकडाउन में आबोहवा ने ऐसा रंग दिखाया कि तराई की एक बगिया में सेब की पैदावार दिखाई दी। अब लॉकडाउन के बाद जब अनलॉक वन हुआ है तब भी अजूबा सामने आया। अब गोल्डन एप्पल का फल स्थानीय उन्हीं शख्स की बगिया की शोभा बढ़ा रहा है।
बात गोदावरी स्टेट कॉलोनी की है। अप्रैल माह में सेब के पेड़ पर फूल आया और सेब की पैदावार दिखाई दी। यह देख कर खुद गोदावरी कॉलोनी निवासी डा.एसपीएस संधू चौंक गए थे। यही नहीं जब जानकारी उद्यान विभाग के अधिकारी आरसी राना के पास गई तो वो भी दंग रह गए। उन्होंने कहा था कि आठ माह सर्दी का मौसम हो तब कश्मीर या पहाड़ी क्षेत्र की वादियों में सेब की फसल मिल पाती है।
पर पीलीभीत में सेब का फल पैदा होना वाकई चौंकाने वाला है। इसी क्रम में अब नया तथ्य सामने आया है कि डॉ.संधू की बगिया में जिस पेड़ पर सेब आए थे। उसे थोड़ा अधिक देखभाल दी गई तो सेब के फल निखर कर सामने आए। सेब की तस्वीरें जब डॉ.संधू ने पंजाब विवि और पंतनगर विवि के अपने संबंधियों और मित्रों को भेजी तो वे भी चौक गए।
सेब के इस फल को गोल्डन एप्पल किस्म करार देते हुए इसे रेयर बताया गया है। डॉ.संधू बताते हैं कि लॉकडाउन में जब इसकी अतिरिक्त देखभाल की गई और कुछ दवा भी छिड़की तो सेब के फल की रंग रौनक ही बदल गई। ऊपर से तो कुछ फल तोड़ लिए थे पर अंदर लगे फल नहीं तोड़े थे। इससे सेब के फल में रौनक दिखाई दी।
क्या बोले डॉ.संधू
डॉ.संधू ने बताया कि पंतनगर विवि में डा.एमएल शर्मा को जब बगिया के सेब के फोटो हमने भेजे तो वे भी दंग रह गए। उन्होंने बताया कि यह रेयर एप्पल किस्म है। पेड़ की देखभाल ठीक से करिए। यह बहुत ही अच्छा रिजल्ट देगा। तब से हमने अतिरिक्त रूप से पेड़ की देखरेख करना शुरू कर दी। डा. शर्मा के मुताबिक यह शरीर के लिए काफी फायदेमंद और पौष्टिक बताया गया है।
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