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मदर्स डे :::: मां की वजह से गुंजायमान हो रहा जय जवान जय किसान

Pilibhit News - एक मां ने तीनों बेटों में रोपे संस्कार और अनुशासनमदर्स डे :::: मां की वजह से गुंजायमान हो रहा जय जवान जय किसानमदर्स डे :::: मां की वजह से गुंजायमान

Newswrap हिन्दुस्तान, पीलीभीतSat, 10 May 2025 05:16 PM
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मदर्स डे ::::  मां की वजह से गुंजायमान हो रहा जय जवान जय किसान

पीलीभीत। वरिष्ठ संवाददाता गांव देहात में मूलभूत सुविधाओं का अमूमन आभाव सा माना जाता है। पर पीलीभीत का पूरनपुर क्षेत्र ऐसा है कि जहां पर अधिकाधिक सरसब्ज लोग रहते है। किसान परिवार अमर सिंह यादव के घर परिवार में एक महिला और उसके अनुशासन की वजह से जय जवान और जय किसान का नारा आज भी गुंजायमान सा है। यूं तो मां के बिना कोई दिन कोई जीवन नहीं होता। पर मेहनत और किसानी करने वाले अमरैयाकलां के अमर सिंह यादव की पत्नी रजनीश यादव अपने घर में एक कुशल अनुशासन मानी जाती हैं। अमर सिंह तो खेती किसानी के लिए बाहर ही रहते हैं।

पर उनकी पत्नी रजनीश ने जो अनुशासन अपने बच्चों को दिया। उससे उनके बच्चों ने न केवल तरक्की पाई बल्कि संस्कार के अंकुर भी प्रस्फुटित हुए। रजनीश यादव और अमर सिंह यादव के तीन बेटे हैं। एक बेटा विवेक यादव फौज में रह कर देश की सेवा में है। तो वहीं दूसरा बेटा डा. अमन सिंह देहरादून में एमबीबीएस है। तीसरा बेटा आकाश बेसिक शिक्षा परिषद में शिक्षक की भूमिका में देश के लिए नव निर्माण की भूमिका में हैं। आकाश तो पिता के साथ खेती किसानी में भी दिलचस्पी लेते हैं। रजनीश यूं तो अधिक पढ़ी लिखी नहीं हैं पर अपने जमाने का उन्होंने दसवीं किया है। शिक्षा की अहमियत बखूबी जानती हैं। यही वजह कि पति घर गृहस्थी को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत करने में कभी पीछे नहीं रहे तो वहीं उनकी पत्नी रजनीश ने घर के आंगन के पौधों को खाद पानी देने में कसर नहीं रखी। एक बेटा फौज में दूसरा चिकित्सा क्षेत्र में और तीसरा शिक्षा क्षेत्र में। मानों असली भारत का परिवेश यहां ही डोल रहा हो। 00 प्रयास तो सब करते हैं रजनीश कहती है कि प्रयास तो सभी माता पिता करते हैं। पर हमारे बच्चों ने लगन के साथ हमारी बातों को माना और अपने अपने क्षेत्र में अच्छा कर रहे हैं। हमारा परिवार भी यही चाहता था कि तीनों ही बेटे अलग अलग क्षेत्र में नाम रोशन करें और परिवार जिला व देश का नाम रोशन करें। तीनों बेटे भी अपनी मां पर जान छिड़कते हैं। कहते हैं पिता ने मेहनत की तो मां ने संस्कार और अनुशासन सिखाया। मां ही हमारी जिंदगी का पहला सबक हैं।

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