कैसे अब धीर धरूं, राम वन को चल दिए, हमको बिलखता छोड़कर
श्रीरामलीला मेले में शनिवार को राम वनवास का भावुक मंचन हुआ। राम, लक्ष्मण और सीता का वन की ओर प्रस्थान करते देख अयोध्यावासी भावुक हो गए। कलाकारों ने राजा दशरथ की पीड़ा और राम के वनवास को जीवंत किया।...
नगर में चल रहे श्रीरामलीला मेले में शनिवार को राम वनवास लीला का भावुक मंचन किया गया। राम, लक्ष्मण, सीता के वन की ओर प्रस्थान करते ही अयोध्यावासी भावुक हो गए। वृंदावन के ब्रज बिहारी आदर्श रामलीला नाट्य मंच के कलाकारों ने दिखाया कि दशरथ का सुमंत को जंगल में भेजने के साथ श्रीराम-केवट का संवाद दिखाया गया। केकई के वरदान मांगने के बाद भगवन श्रीराम के साथ वन जाने के लिए माता सीता व लक्ष्मण भी तैयार हो जाते हैं। श्रीराम वनवास जाते है। राम के वियोग में तड़प रहे राजा दशरथ जंगल में सुमंत को भेजते है श्रीराम को वापस लाने के लिए। लेकिन श्रीराम जी नहीं आते हैं। लोग राजा को धीरज धराते हैं। इस पर राजा दशरथ कहते हैं कैसे अब धीर धरूं, किस बात पर आए सबर, राम वन को चल दिए, हमको बिलखता छोड़कर..। वनागमन की लीला मंचन देख दर्शक भावुक हो गए। व्यवस्था में एड. रमेश गुप्ता, रवि शुक्ला, गुड्डू यादव, अनुपम दीक्षित आदि लोगों सहयोग रहा
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