सीता राम विवाह प्रंसग सुन श्रोता हुए भाव विभोर
मरौरी खास गांव में श्री मोर भवानी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा के तीसरे दिन पं. पंकज मिश्र ने भगवान राम और सीता के विवाह की कथा सुनाई। राजा जनक ने शिव धनुष को उठाने की चुनौती दी।...
नगर से सटे मरौरी खास गांव में सुप्रसिद्ध श्री मोर भवानी मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत ज्ञान यज्ञ कथा में तीसरे दिन फर्रुखाबाद से आये कथाव्यास पं. पंकज मिश्र ने भगवान राम सीता विवाह प्रसंग सुनाईं। कथा के समापन पर प्रसाद का वितरण किया गया। श्रीराम सीता के विवाह की कथा सुनाते हुए कथा व्यास ने कहा कि राजा जनक के दरबार में भगवान शिव का धनुष रखा था। एक दिन सीता ने घर की सफाई करते हुए उसे उठाकर दूसरी जगह रख दिया। उसे देखकर राजा जनक को आश्चर्य हुआ, क्योंकि शिव धनुष अब तक कोई भी नहीं उठा पाया था। राजा ने प्रतिज्ञा किया कि जो शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ाएगा, उसी से सीता का विवाह होगा। उन्होंने स्वयंवर की तिथि निर्धारित कर राजाओं को निमंत्रण पत्र भेजा। एक-एक कर सभी ने शिव धनुष को उठाने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। गुरु की आज्ञा पाकर श्रीराम ने धनुष उठा प्रत्यंचा चढ़ाने लगे तो धनुष टूट गया। इसके बाद धूमधाम से सीता और राम का विवाह हुआ। माता सीता ने जैसे ही प्रभु राम को वरमाला पहनाईं वैसे ही देवतागण फूलों की वर्षा करने लगे। व्यवस्था में महंत कमल अवस्थी समेत ग्रामीणों का सहयोग रहा।
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