पंजीकरण तक ही सीमित होकर रह गए रेडियोलॉजिस्ट
Pilibhit News - जिले में अल्ट्रासाउंड सेंटरों की लगातार शिकायतें आ रही हैं, लेकिन कोई सुधार नहीं हो रहा है। अधिकांश केंद्र केवल टेक्नीशियनों द्वारा संचालित हो रहे हैं, जबकि चिकित्सक की उपस्थिति नहीं है। पंजीकरण के...

जिले में संचालित लैब और अल्ट्रासाउंड सेंटरों की लगातार हो रही शिकायतों के बाद भी कोई प्रभाव सामने नहीं दिखाई पड़ रहा है। हालत यह है कि पंजीकरण के दौरान कागजों में रेडियोलॉजिस्ट का नाम दर्ज होकर रह गया है। अधिकांश सेंटर टेक्नीशियन के सहारे संचालित हो रहे हैं, जहां चिकित्सक नहीं आते हैं। यही नहीं एक चिकित्सक के नाम पर दो से तीन केंद्र संचालित हो रहे हैं। जिले में इस समय पैथोलॉजी लैब व अल्ट्रासाउंड सेंटर की बाढ़ आ गई है। शहर से लेकर ब्लॉक स्तर पर रोज अल्ट्रासाउंड सेंटर खोले जा रहे है। केंद्र खोलने के लिए दस्तावेजों में चिकित्सक का नाम दर्ज किया जाता है। जो कि जांच पड़ताल में हकीकत को मौके पर जाकर नहीं देखा जाता है कि चिकित्सक कहां के रहने वाले हैं। इसका परिणाम सेंटर संचालन होने के बाद सामने आता है। जिले में संचालित 38 पंजीकृत अल्ट्रासाउंड सेंटर में अधिकांश सेंटरों पर टेक्नीशियन ही लोगों का अल्ट्रासाउंड कर रिपोर्ट जारी कर रहे हैं। जहां पर चिकित्सक नहीं आते हैं। बताया जाता है कि कुछ सेंटरों पर चिकित्सक दिल्ली अथवा अन्य जनपदों के रहने वाले हैं। जिनके नाम पंजीकरण लगाए गए हैं उनके नाम से अलग-अलग स्थान पर अन्य सेंटर भी संचालित किया जा रहे हैं। इसको लेकर आए दिन शिकायतें भी होती रहती हैं। लेकिन फिर भी जिम्मेदार सेंटरों पर चिकित्सक की मौजूदगी को लेकर कोई जांच पड़ताल नहीं करते हैं। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आलोक कुमार ने बताया जिस किसी भी सेंटर से इस तरह की शिकायत आती है। उसकी जांच कराई जाती है। समय-समय पर ऐसे सेंटरों पर कार्रवाई भी की जा रही है।
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