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फार्मासिस्ट भर्ती के मामले में यूपी सरकार और आयोग से जवाब तलब, हाई कोर्ट ने तीन सप्ताह में मांगा जवाब

  • इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के फार्मासिस्ट के 1002 पदों की भर्ती विज्ञापन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, प्रयागराज, विधि संवाददाताThu, 31 Oct 2024 10:13 PM
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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उप्र अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के फार्मासिस्ट के 1002 पदों की भर्ती विज्ञापन की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर राज्य सरकार व आयोग से तीन सप्ताह में जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति एसडी सिंह एवं न्यायमूर्ति डोनाडी रमेश की खंडपीठ ने जौनपुर के विजय सिंह व सात अन्य की याचिका पर अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी को सुनकर दिया है।

एडवोकेट सिद्दीकी का कहना है कि 2015 नियमावली के अनुसार भर्ती लिखित परीक्षा और साक्षात्कार से की जानी है लेकिन सरकार ने 20 नवंबर 2020 के शासनादेश से पीईटी टेस्ट कराने का फैसला लिया है, जो नियमावली का खुला उल्लंघन है। शासनादेश नियमावली को आच्छादित नहीं कर सकता इसलिए शासनादेश के आधार पर की जा रही भर्ती रद्द की जाए।

राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि 2015 की नियमावली लागू होने के बाद पहले की नियमावली निष्प्रभावी हो चुकी है और शासनादेश नियमावली के तहत जारी किया गया है। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय मानते हुए याचिका को विचाराधीन जय प्रकाश व 11 अन्य के साथ सुनवाई के लिए पेश करने का निर्देश दिया है।

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