रिटर्न भरने में ये गलती करने वाले पकड़े गए, पकड़ी गई कर चोरी; इनकम टैक्स ने बनाई नामों की लिस्ट
- ऐसा खेल करने वाले यूपी, उत्तराखंड के 1478 करदाता फंसे हैं। कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा से लेकर देहरादून तक आयकर विभाग ने तमाम ऐसे करदाताओं की लिस्ट बनाई है, जिनके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं। इन खातों से सालाना ब्याज भी कमाया लेकिन रिटर्न में सिर्फ एक बैंक खाते से आमदनी का जिक्र किया है।
Income Tax News: अगर एक से अधिक बैंक खाते हैं, और उससे ब्याज भी उठाया है तो अलर्ट हो जाएं। आयकर विभाग की नजर आप पर भी हो सकती है। रिटर्न में सिर्फ एक खाते से आमदनी का जिक्र करने का खेल करने वाले यूपी, उत्तराखंड के 1478 करदाता फंसे हैं। टैक्स चोरी के इरादे से अपनाई चालकी का खुलासा विभाग ने वार्षिक सूचना व टैक्स पेयर सिस्टम से किया है।
सूत्रों के अनुसार, कानपुर, आगरा, गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा से लेकर देहरादून तक आयकर विभाग ने ऐसे करदाताओं की सूची बनाई है, जिनके पास एक से अधिक बैंक खाते हैं। इन खातों से सालाना ब्याज भी कमाया। विभाग को दाखिल रिटर्न में सिर्फ एक बैंक खाते से आमदनी का जिक्र किया है।
दबाई रकम को आमदनी से जोड़कर लगा रहे कर
आयकर विभाग ने टैक्स चोरी के इरादे से करदाताओं के इस खेल का खुलासा वार्षिक सूचना व टैक्स पेयर सिस्टम से किया है। अब इन करदाताओं की ओर से दबाई रकम को को सीधे आमदनी से जोड़कर टैक्स लगाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, अभी आगे और ऐसे करदाताओं की संख्या में इजाफा हो सकता है।
म्युचुअल फंड, शेयर से हुई कमाई को भी छिपाने का खुला राज
सूत्रों के अनुसार, आयकर विभाग की छानबीन में ऐसे भी करदाता बड़ी संख्या में मिले हैं, जिन्होंने टैक्स चोरी के लिए दूसरे तरीकों से हुई आमदनी को छिपाया। एफडी, म्युचुअल फंड और शेयर से हुई कमाई को छिपाने के मामले सामने आए हैं। इनसे भी आमदनी पर टैक्स लगाने की तैयारी है।
बाप-दादा की संपत्ति बेचने वाले रडार पर
बाप-दादा की संपत्ति को बेचकर मोटी कमाई करने वाले भी रडार पर हैं। लाखों-करोड़ों की आमदनी के बाद भी एक पैसा टैक्स जमा नहीं करने वालों की सूची विभाग तैयार कर रहा है। अब आमदनी के मुताबिक कर लगाकर जल्द कार्रवाई शुरू होगी।
आर्थिक विशेषज्ञ कमलदीप सिंह बग्गा ने कहा कि एक से अधिक बैंक खातों पर ब्याज लिया है तो इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होगी। जानकारी छिपाकर टैक्स चोरी का खेल विभाग ने वार्षिक सूचना, टैक्स पेयर सिस्टम से पकड़ा है। अब इनकी आमदनी को सीधे टैक्स से जोड़ा जा रहा है। विभाग ऐसे लोगों से टैक्स वसूल करने को स्वतंत्र है।