रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वालों का होगा सत्यापन, यूपी पुलिस के साथ RPF का चलेगा अभियान, क्या-क्या तैयारी?
ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और कालिंदी एक्सप्रेस जैसी घटना रोकने के लिए रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वालों का सत्यापन कराया जाएगा।
कानपुर में कालिन्दी एक्सप्रेस में विस्फोट करने की साजिश को देखते हुए यूपी पुलिस ने सतर्कता और बढ़ा दी है। इसी कड़ी में डीजीपी प्रशांत कुमार ने लगातार दूसरे दिन इस मुद्दे पर समन्वय बनाये रखने के लिए रेलवे सुरक्षा बल व रेलवे के अन्य अफसरों के साथ बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक की। डीजीपी ने कहा कि ट्रेनों पर पत्थरबाजी करने वालों को चिन्हित कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने रेलवे ट्रैक के आसपास रहने वालों का सत्यापन कराने को कहा है। रेलवे ट्रैक के आस-पास अवैध निर्माण को नियमानुसार हटाने की कार्रवाई की जाए।
डीजीपी ने कहा कि आरपीएफ व जीआरपी संयुक्त रूप से रेलवे लाइन के आसपास गश्त जरूर करें। इसके साथ ही रेलवे ट्रैक की सुरक्षा के लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने ट्रेन के इंजन व कोच में सीसी कैमरा लगवाने को कहा। डीजीपी ने कहा कि रेलवे का सबसे बड़ा नेटवर्क यूपी में ही है। इसलिए सुरक्षा के प्रति सर्तक रहना बेहद जरूरी है।
एसओपी बनाकर कार्रवाई की जाए
डीजीपी ने रेलवे अफसरों के साथ संवाद के दौरान कहा कि पिछले कुछ समय से रेलवे ट्रैक को अवरुद्ध करने की घटनाएं हो रही हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए समन्वय रखा जाए। इसके लिए सभी को एसओपी (मानक संचालन प्रक्रिया) बनाकर कार्रवाई की जाए। 10 साल में रेलवे ट्रैक पर जो अपराधिक घटनाएं हुई हैं, उनमें शामिल रहे अपराधियों की लगातार मानीटरिंग करवाई जाए।
कुम्भ मेले से पहले अवैध निर्माण हटाया जाए
डीजीपी ने रेलवे के अफसरों से यह भी कहा कि अगले साल होने वाले कुम्भ मेले से पहले रेलवे ट्रैक के आसपास अवैध निर्माण को चिन्हित कर लिया जाए। फिर कानूनी प्रक्रिया के साथ इसे हटवाने का प्रयास किया जाए। रेलवे लाइन के आसपास संवेदनशील स्थानों को चिन्हित कर वहां सुरक्षा बढ़ाई जाए। इसी तरह रेलवे स्टेशनों पर मेटल डिटेक्टर व सामान की स्कैनर से जांच करवाई जाए।
इसके अलावा किसी भी घटना की सूचना मिलने पर 112 नम्बर डायल कर जानकारी जरूर दी जाए। बैठक में एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश, एडीजी रेलवे, एडीजी क्राइम के अलावा सभी पुलिस कमिश्नर, दिल्ली के प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्त, डीआरएम समेत रेलवे व पुलिस के कई अधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये बैठक में जुड़े थे।