उम्र के आखिरी पड़ाव में मांग रहे जन्म प्रमाणपत्र, अफसर भी चौंके; रोक लगाकर किया ये काम
- एक साल से पुराने जन्म प्रमाणपत्रों को SDM कोर्ट से जारी किया जाता है। एसडीएम की आख्या पर निगम की टीम जारी करती है। अधिक उम्र वालों को जन्म प्रमाणपत्र के लिए तहसील कार्यालय में जाना पड़ता है। तहसील सदर में पिछले कुछ महीनों में 1069 आवेदन ऐसे आ चुके हैं, जिनकी आयु 60 साल या इससे अधिक है।
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आमतौर पर बच्चे के जन्म के तत्काल बाद से लेकर तीन से चार साल तक लोग जन्म प्रमाणपत्र के लिए कवायद करते हैं, लेकिन यहां तो लोग उम्र के आखिरी पड़ाव पर आकर जन्म प्रमाणपत्र की मांग कर रहे हैं। जी हां! सदर तहसील में ऐसे एक दो नहीं हजार से अधिक आवेदन आए हैं। 62, 70 और 87 की आयु में पहुंच चुके लोग जन्म प्रमाणपत्र की मांग कर रहे हैं। अचानक से अधिक उम्र के लोगों की मांग को देखते हुए प्रशासनिक अफसर चौंके तो उन्होंने इस पर रोक लगाकर आख्या मांग ली है।
दरअसल, एक साल से पुराने जन्म प्रमाणपत्रों को एसडीएम कोर्ट से जारी किया जाता है। एसडीएम की आख्या पर निगम की टीम जारी करती है। अधिक उम्र वालों को जन्म प्रमाणपत्र के लिए तहसील कार्यालय में जाना पड़ता है। तहसील सदर में पिछले कुछ महीनों में 1069 आवेदन ऐसे आ चुके हैं, जिनकी आयु 60 साल या इससे अधिक है। अधिकांश लोग जरूरत पासपोर्ट के लिए बता रहे हैं। जब पासपोर्ट ऑफिस में संपर्क किया गया तो मालूम चला कि वहां इसकी जरूरत नहीं है। साथ ही नवीनीकरण में इसकी जरूरत नहीं होती है। जिसके बाद एसडीएम सदर ने बड़ी आयु वर्ग के सभी प्रमाणपत्रों को जारी करने पर रोक लगाते हुए कारण पूछा है।
दस्तावेजों में छेड़छाड़ का हो सकता है प्रयास
एसडीएम सदर अभिषेक कुमार सिंह का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में बुजुर्गों को जन्म प्रमाणपत्रों की जरूरत पड़ने लगी है। अधिकांश लोग पासपोर्ट बनवाने या फिर नवीनीकरण में इसकी जरूरत बता रहे हैं। जबकि इसकी जरूरत वहां नहीं है। किसी दस्तावेज में आयु कम कराने के लिए लोग इसकी मांग कर सकते हैं। ऐसे में इससे बड़ी गड़बड़ी हो सकती है।