महाकुम्भ का विरोध करने वालों से बेहतर है हमारी इकॉनमिक्स, विपक्ष को सीएम योगी का करारा जवाब
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देकर किस तरह देश की एकता और आर्थिकी को प्रोत्साहित किया जा सकता है, यह महाकुम्भ के अवसर पर सहज ही अनुभव किया जा सकता है।
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को कहा कि अपनी संस्कृति और परंपराओं को सम्मान देकर किस तरह देश की एकता और आर्थिकी को प्रोत्साहित किया जा सकता है, यह महाकुम्भ के अवसर पर सहज ही अनुभव किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में अयोध्या, काशी और प्रयागराज में जिस प्रकार श्रद्धालुओं का आगमन हो रहा है, उसने भारतीय संस्कृति को नई पहचान तो दी ही है, अर्थव्यवस्था को भी बड़ा बूस्ट दिया है। अयोध्या, काशी और प्रयागराज ने भारत के पोटेंशियल को दर्शाया है। महाराष्ट्र से आये युवा उद्यमियों से संवाद करते हुए उन्होने कहा महाकुम्भ का विरोध करने वालों से हमारी इकॉनमिक्स बेहतर है।
उन्होंने उद्यमियों से पूछा कि अगर केंद्र व राज्य की तरफ से मिलकर 7500 करोड़ रुपये खर्च करके अर्थव्यवस्था में तीन से साढ़े तीन लाख की अतिरिक्त वृद्धि हो सकती है तो कौन सा सौदा सही है। उन्होंने कहा कि अयोध्या, प्रयागराज, काशी, चत्रिकूट, गोरखपुर, नैमिषारण्य में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर है। अयोध्या में सड़क चौड़ीकरण, इंटरनेशनल एयरपोर्ट निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम के दौरान यह लोग विरोध कर रहे थे, लेकिन जब सरकार ने दृढ़ इच्छाशक्ति से निर्णय लिया तो रिजल्ट सामने है। एक वर्ष में रामजन्मभूमि मंदिर में 700 करोड़ का चढ़ावा आया। इन लोगों को अब यह भी बुरा लगेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ में अब तक 53 करोड़ श्रद्धालु संगम में आस्था की पावन डुबकी लगा चुके हैं।
अगले 9 दिन तक यह उत्सव इसी रूप में चलेगा। यही भारत की पोटेंशियल है। भारत की आस्था को यदि सम्मान दिया गया होता तो भारत और भी ऊंचाइयों को प्राप्त किया होता। मुख्यमंत्री ने उद्यमियों से कहा कि आप सभी को अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि, प्रयागराज, काशी समेत कई स्थलों को देखने का सौभाग्य प्राप्त होगा। वर्तमान में देश-दुनिया से श्रद्धालु तीनों स्थानों पर आकर भारत की आस्था को दुनिया के सामने भी दिखाकर अपनी ताकत का अहसास भी करा रहे हैं। उन्होने कहा कि देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य यूपी में 25 करोड़ की आबादी निवास करती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में पिछले 10 वर्ष के अंदर पहली बार देश की आस्था को सम्मान प्राप्त हुआ। उन्होंने भारत के इस पोटेंशियल को पहचाना। उन स्थलों को फिर से मान्यता प्राप्त हुई, जिनके लिए भारत जाना जाता था। 500 वर्ष का इंतजार समाप्त हुआ और रामलला विराजमान हुए। 2016-17 में यूपी में जब भाजपा सरकार नहीं थी, तब यहां श्रद्धालुओं की संख्या महज 2.35 लाख हुआ करती थी, 2024 में यह संख्या बढ़कर लगभग 14-15 करोड़ से अधिक रही। उन्होने कहा कि अयोध्या के विकास के लिए जो कुछ भी हो रहा है, वह श्रद्धालुओं के सहयोग का परिणाम है।