यूपी के सरकारी डॉक्टरों-स्टॉफ को आदेश, जहां तैनाती वहीं रुकना होगा रात में भी
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ को अब वहीं रहना भी होगा ताकि रात में भी आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं और मेडिकोलीगल कार्य किए जा सकें।
उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों और स्टाफ को अब वहीं रात्रि निवास करना होगा ताकि रात में भी आकस्मिक चिकित्सा सेवाएं और मेडिकोलीगल कार्य किए जा सकें। अगर अस्पताल परिसर में स्थित सरकारी आवास जर्जर या रहने लायक स्थिति में नहीं है तो उन्हें पांच किलोमीटर के दायरे में ही निवास की व्यवस्था करनी होगी। पीएचसी और सीएचसी के लिए यह आदेश निदेशक प्राथमिक स्वास्थ्य ने सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों (सीएमओ) को जारी किया है।
नए सिरे से कवायद: प्रदेश के खासतौर से ग्रामीण अंचलों के सभी प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर रात में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित किए जाने के लिए नये सिरे से कवायद शुरू की गई है। डॉक्टरों और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ को अस्पताल परिसर स्थित आवास में ही निवास करने के लिए कहा गया है। यूं तो तैनाती स्थल पर ही निवास करने के आदेश पहले भी जारी किए जा चुके हैं। मगर तमाम पीएचसी और सीएचसी परिसर में बने आवासों की स्थिति ठीक नहीं है।
अब नये आदेश में आवास की उपलब्धता न होने या जर्जर होने की स्थिति में चिकित्साधिकारियों और अन्य स्टाफ को उनके तैनाती वाले अस्पताल के पांच किलोमीटर के दायरे में निवास की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।