Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़order to stop salary of more than 2 thousand employees in this department of up hunger strike begins

यूपी के इस विभाग में 2 हजार से ज्‍यादा कर्मचारियों की सैलरी रोकने का आदेश, अनशन शुरू

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी चल रही है। इसके अतिरिक्त 2000 से ज्यादा बिजली कर्मचारियों का वेतन रोके जाने के भी आदेश भी जारी हो गया है। उन्होंने संविदा कर्मचारियों को फिर से नौकरी में लिए जाने की मांग की है।

Ajay Singh विशेष संवाददाता, लखनऊSat, 3 May 2025 06:51 AM
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यूपी के इस विभाग में 2 हजार से ज्‍यादा कर्मचारियों की सैलरी रोकने का आदेश, अनशन शुरू

Order to stop salary: फेशियल अटेंडेंस न दर्ज करवाने वाले 2000 से ज्यादा बिजली कर्मचारियों का अप्रैल का वेतन रोकने के आदेश मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने जारी कर दिए हैं। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने आदेश पर ऐतराज जताया है। शुक्रवार से निजीकरण के खिलाफ बिजली कर्मचारियों का क्रमिक अनशन शक्ति भवन पर शुरू हो गया।

संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने बताया कि संविदा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर छंटनी चल रही है। इसके अतिरिक्त 2000 से ज्यादा बिजली कर्मचारियों का वेतन रोके जाने के भी आदेश भी जारी हो गया है, जिससे बिजली कर्मचारियों में आक्रोश है। उन्होंने आदेश को तानाशाहीपूर्ण बताते हुए हटाए गए सभी संविदा कर्मचारियों को फिर से नौकरी में लिए जाने और रुके वेतन के भुगतान करने की मांग की है।

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निदेशक वित्त को सेवा विस्तार दिया जाना अनुचित

शैलेंद्र दुबे ने कहा कि मौजूदा निदेशक (वित्त) निधि कुमार नारंग को सलाहकार बनाकर सेवा विस्तार दिया जाना अनुचित है। उन्होंने कहा कि निजीकरण की आड़ में होने वाले भ्रष्टाचार में वह प्रमुख कड़ी हैं। झूठा हलफनामा दाखिल करने वाली कंपनी को बचाने में यही लगे हैं।

बैठक के लिए पहुंची कंपनी, बैरंग लौटाई गई

पूर्वांचल और दक्षिणांचल के निजीकरण के लिए रखी गई सलाहकार कंपनी ग्रांट थॉर्नटन बैठक के लिए शुक्रवार को नियामक आयोग पहुंची। हालांकि कंपनी को वहां से बिना बैठक के बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। आयोग ने इसके पहले ही बैठक से इनकार कर चुका था। बावजूद इसके कंपनी बैठक के लिए पहुंची थी। वहीं, पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी भी दिनभर इस कोशिश में जुटे रहे कि कंपनी संग आयोग बैठक कर ले, लेकिन बात नहीं बनी।

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25 हजार बिजली संविदा कर्मी निकाले जाने से गुस्सा

निजीकरण के विरोध में विद्युत कर्मियों का आंदोलन जारी है। इसी क्रम में ऊर्जा राज्यमंत्री सहित कई विधायकों को ज्ञापन दिया गया। वहीं 25 हजार से अधिक संविदा कर्मियों को निकाले जाने से विद्युत कर्मियों में भारी आक्रोश है। उधर, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के कार्यक्रम के चलते विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने निजीकरण के विरोध में गुरुवार को लखनऊ में बाइक रैली को स्थगित कर दिया है। लखनऊ में यह रैली तीन मई को निकलेगी । संघर्ष समिति ने कहा है कि निजीकरण में इतने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होने जा रहा है फिर भी ऊर्जा मंत्री चुप्पी साधे हुए हैं।

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