बोले उरई : सिकुड़ गया सोना बाजार, कद्रदानों का इंतजार
Orai News - उरई के सराफा बाजार में विकास के बावजूद सुरक्षा, पार्किंग और अतिक्रमण की गंभीर समस्याएं हैं। बाजार में हॉल मार्क सेंटर की कमी भी है, जिससे व्यापारियों को अन्य शहरों में जाना पड़ता है। व्यापारियों का...
उरई। भले ही उरई में विकास का पहिया खूब घूम रहा हो पर शहर के बीच में बसा सराफा बाजार आज भी रोजमर्रा की जरूरतों को तरस रहा है। आलम यह है कि सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या दूर करने का प्रयास यहां कभी नहीं किया गया। इसके साथ ही पूरे जालौन जिले में कहीं पर भी सोने और चांदी की शुद्धता की जांच करने के लिए हॉल मार्क सेंटर नहीं है। उरई में सराफा व्यापारी टैक्स के नाम पर सरकार को भरपूर राजस्व अदा कर रहे हैं पर सुविधाओं की बात करें तो आज भी कारोबारी वर्षों पुरानी ज्वलंत समस्याओं से जूझ रहे हैं। सराफा व्यापारी पदम बंसल ने कहा यहां न तो कोई पार्किंग व्यवस्था है और न ही सुरक्षा। यहां तक कि पूरा बाजार अतिक्रमण से परेशान है। इससे बाजार सिकुड़ गया है। इससे रोज बाजार में जाम लगता है। कारोबारियों को भी खासी असुविधा होती है। सराफा बाजार में आप के अपने अखबार हिन्दुस्तान से सराफा कारोबारियों ने अपनी समस्याएं बताईं । कारोबारी अवनीश ने कहा हमारा बाजार कई कारणों से सिकुड़ गया है। संकरे रास्ते पर वाहन ग्राहकों को रास्ता नहीं देते। दिन भर के जाम से काउंटर पर ग्राहकों का पहुंचना कम हो गया है। अपने खूबसूरत गहनों के लिए कद्रदानों का इंतजार करना पड़ रहा है।
वैसे तो सराफा कारोबार शहर भर में फैला है। गली-मोहल्लों से लेकर मेन बाजारों को मिलाकर तीन सौ से चार सौ ज्वैलर्स की दुकानें हैं पर शहर का प्रमुख सराफा बाजार, जो वर्षों पुराना गढ़ है। वह माहिल तालाब, बजरिया और बल्दाऊ चौक के बीचो बीच बसा है। सौ से डेढ़ सौ मीटर के परिक्षेत्र में स्थापित सराफा बाजार में 50 दुकानें हैं। प्रमुख सराफा बाजार की सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है। पार्किंग न होने से खरीदारी करने आए ग्राहक दुपहिया वाहनों को दुकानों के बाहर खड़ा कर देते हैं। इससे आने-जाने वाले पैदल राहगीर परेशान होते हैं। रही सही कसर सराफा बाजार के ठीक बगल में लगे बजरिया और खोया मंडी पूरी कर देता है। इस रोड पर खोवा के साथ जूता-चप्पल, गारमेंटस, बर्तन और किराना की दुकानें सड़क तक आ गई हैं। इससे दिन भर में पांच से छह बार जाम लगता है।
नहीं हैं सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
सराफा व्यापारी हरिकिशोर गुप्ता ने कहा करोड़ों रुपये का हर रोज टर्नओवर करने वाले सराफा कारोबारियों की सुरक्षा की प्रशासन को चिंता नहीं है। सीसीटीवी कैमरे तो दुकानों के बाहर लगे हैं, पर पिकेट के नाम पर कोई ठोस बंदोबस्त नहीं है। घंटाघर चौराहे पर तैनाती के नाम पर दो-चार सिपाही हैं। सराफा बाजार में एक भी सिपाही की ड्यूटी नहीं लगती है। हर दिन के साथ रात के वक्त भी सराफा व्यापारियों को खतरा बना रहता है। बाजार में सिपाहियों की तैनाती के लिए कई बार आवाज उठाई गई पर प्रशासन किसी बड़ी वारदाता के होने का इंतजार कर रहा है।
हॉलमार्क सेंटर नहीं
उरई शहर ही नहीं, पूरे जालौन जिले में कहीं पर शुद्धता चेक करने के लिए हॉल मार्क सेंटर नहीं है। ऐसे में सराफा व्यापारियों को हॉल मार्किंग के लिए कानपुर, झांसी, लखनऊ जाना पड़ता है। बारातों के समय यह समस्या सबसे ज्यादा खलती है।
बोले लोग
हर बार जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों ने पार्किंग सुविधा दिलाने के वादे किए। पर कभी कोई वादे पर खरा नहीं उतरा।
- हरिकिशोर गुप्ता
सराफा बाजार में पहुंचने के लिए सड़क ऊंची नीची है। इससे आने-जाने में परेशानी होती है। वाहन सवार गिरते रहते हैं।
-पदम बंसल
सराफा बाजार में अकेले कैमरे से कुछ नहीं होगा। पिकेट डयूटी लगाई जाए, सराफा दुकानें हैं,यहां पर बराबर गश्त की जाए।
- अवनीश
सराफा बाजार में वाहन खड़े करने वालों पर शिकंजा कसा जाए, पार्किंग की सुविधा देनी होगी, तभी यहां सुधार होगा।
- मेवालाल
सराफा बाजार में सार्वजनिक शौचालय नहीं है। खासकर महिलाओं को परेशानी होती है। इसकी व्यवस्था की जाए।
- शुभम अग्रवाल
सराफा बाजार में स्ट्रीट लाइटें लगी हैं, पर वह आए दिन बंद हो जाती हैं। कई बार बाजार में चोरी की घटनाएं हो चुकी हैं।
- अमित सोनी
सराफा बाजार में जाम केवल अतिक्रमण के कारण नहीं है बल्कि ई रिक्शा और अन्य वाहनों से भी जाम लगता है।
- रोचन महेश्वरी
आम दिनों के अलावा त्योहारों पर सबसे ज्यादा भीड़ होती है, तब जाम लगता है। जिससे खरीदारी करने वाले परेशान होते हैं।
- पवन सोनी
कई बार तो जाम में एम्बुलेंस तक फंस जाती है। ट्रैफिक विभाग को बाजार के जाम और अतिक्रमण को हटाना चाहिए।
- अभय कुमार
सराफा से सटे बजरिया में दुकानें सड़क तक सजा ली गई हैं। अगर प्रशासन कार्रवाई करें तो रास्ता साफ हो जाएगा।
- प्रेमचंद्र सोनी
सबसे ज्यादा चोट गलाई, पकाई का काम करने वालों को हुई है। पहले हाथ से सोना चांदी पकता था, अब मशीन से होता है।
- संभाजी राव
पार्किंग न होने से बाइक दुकानों के बाहर खड़ी होने से ग्राहकों को कठिनाई होती है। इससे दुकानदारी पर असर पड़ता है।
- युग प्रताप
सुझाव
1. सराफा व्यापारियों के लाइसेंस बनवाकर उनके बेहतर सुरक्षा की व्यवस्था की जाए।
2. सभी सराफा दुकानों के बाहर प्रशासन अपने स्तर से सीसीटीवी कैमरे लगवाए।
3. सराफा बाजार में पार्किंग की व्यवस्था के लिए पहल की जानी चाहिए।
4. सराफा बाजार से सटे रोड पर फैले अतिक्रमण और कब्जों को हटवाया जाए।
5. सराफा बाजार में अलग से पुलिस कर्मियों की पिकेट ड्यूटी लगवाएं।
6. रात में सराफा बाजार में पुलिस की गस्त बढ़ाई जाए।
शिकायतें
1. पूरे सराफा बाजार में कहीं पर भी पार्किंग सुविधा नहीं है। इससे दिक्कत होती है।
2. सुरक्षा के नाम पर बाजार में पिकेट डयूटी न होने से लूट की घटनाओं का डर बना रहता है।
3. सोने चांदी के भाव बढ़ने से कारोबारियों के साथ सुनारों का व्यापार घटा है।
4. सर्राफा के साथ सटे रोड बजरिया में अतिक्रमण होने से जाम लगता है।
5. हॉल मार्क सेंटर न होने से कानपुर, झांसी और लखनऊ जाना पड़ता है।
5. पूरे सराफा बाजार में इस समय अतिक्रमण फैला है।
बोले जिम्मेदार
सराफा व्यापारियों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। लगातार पुलिस बाजार में भ्रमण करती है और सराफा बाजार में सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं। रात के वक्त पुलिस पिकेट भी तैनात रहती है। अगर किसी भी व्यापारी को कोई समस्या है तो वह उनसे बात कर सकता है।
-डॉ दुर्गेश कुमार, एसपी
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