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बोले उरई: जाम से हांफते बाजार के हिस्से में अब खरीदार नहीं बस इंतजार

Orai News - उरई के घंटाघर का बर्तन बाजार जाम, गंदगी और पार्किंग की कमी से प्रभावित हो रहा है। व्यापारी सुरक्षा, पार्किंग और अतिक्रमण की समस्याओं को लेकर चिंतित हैं। जीएसटी विभाग के नोटिस और ऑनलाइन खरीदारी से...

Newswrap हिन्दुस्तान, उरईThu, 27 Feb 2025 06:27 PM
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बोले उरई: जाम से हांफते बाजार के हिस्से में अब खरीदार नहीं बस इंतजार

उरई। शहर के घंटाघर के बर्तन बाजार की चमक दिन पर दिन जाम और यहां पर फैली गंदगी से फीकी हो रही है। यहीं नहीं बर्तन व्यापारियों को सबसे ज्यादा कसक इस बात कि है कि यहां पर एक पार्किंग भी नहीं है जिससे दिन भर जाम लगा रहता है। इससे ग्राहक काउंटर पर नहीं आ पाते हैं। आलम यह है कि सुरक्षा व्यवस्था, पार्किंग और अतिक्रमण की समस्या दूर करने का प्रयास यहां कभी नहीं किया गया। पटरी से उतरी यातायात व्यवस्था और ऑनलाइन खरीदारी ने बर्तन बाजार चौपट कर दिया है। घंटाघर का बर्तन बाजार दिनभर जाम से जकड़ा रहता है। इससे ग्राहक दुकान तक नहीं पहंच पाते हैं और तो और जीएसटी विभाग के अनावश्यक नोटिस ने भी व्यापार पर असर डाला है। बर्तन व्यापारी हरिबाबू ने कहा कि अतिक्रमण, जाम और गंदगी से बर्तन बाजार की चमक फीकी हो रही है। ग्राहक दुकान पर नहीं आ रहे हैं। आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान से बर्तन व्यापरियों ने अपनी समस्याओं और सुझावों पर चर्चा की। शहर में छोटी-बड़ी कई बर्तन दुकानें हैं, पर घंटाघर शहर का प्रमुख बर्तन बाजर है, यहां पर बर्तनों की 12 से अधिक दुकानें हैं। बर्तन व्यापारी अभिषेक गुप्ता ने कहा कि पुलिस प्रशासन की सख्ती न होने से दिन भर बाजार में ई-रिक्शों से जाम लगा रहता है। इससे ग्राहक दुकान तक नहीं पहुंच पाते हैं। बर्तन व्यापारी विजय गोयल ने कहा कि जाम और अतिक्रमण से बर्तन बाजार सिकुड़ गया है। इससे व्यापारियों के अलावा हर वर्ग प्रभावित होता है। हाथ ठिलिया वाले दुकानों के सामने खड़े हो जाते हैं, इससे ग्राहक दूर से देखकर लौट जाते हैं। गोविंद गुप्ता का कहना है कि घंटाघर के पास तो ऑटो और ई-रिक्शा का झुंड लगा रहता है। कई बार पुलिस ने लाठियां चलाईं, पर उसका असर नहीं हुआ। इससे निकलना मुश्किल हो जाता है। विजय गोयल ने कहा कि बर्तन बाजार में सुरक्षा की पर्याप्त व्यवस्था नहीं है दिन में एक-दो पुलिसकर्मी रहते हैं लेकिन रात में वह भी गायब हो जाते हैं। मनोज गर्ग कहते हैं कि घंटाघर के बर्तन बाजार में दिन भर में हजारों लोगों की आवाजाही होती है। आसपास पार्किंग की व्यवस्था नहीं है। इससे रोज कई बार जाम लगता है। खरीदार बाजार में आने के बजाए आसपास से ही सामान ले लेते हैं। इससे हम खाली हाथ बैठे रहते हैं। प्रदीप द्विवेदी ने कहा कि बर्तन बाजार में सुरक्षा के कोई बंदोबस्त नहीं है। सुरक्षा के नाम पर एक-दो ट्रैफिक सिपाही रहते हैं। कृष्णकांत ने कहा कि दुकान के बाहर ई-रिक्शे खड़े होते हैं इन्हें मना करने पर चालक झगड़ा करने पर आमादा हो जाते हैं। रोहित अग्रवाल ने कहा कि कई माह से घंटाघर पर क्षतिग्रस्त टंकी का मलबा पड़ा है। कोई उठाने नहीं आया। इससे दुकान पर आने-जाने में दिक्कत होती है। साथ ही ग्राहक भी नहीं आते हैं। कई बार टंकी का मलबा हटाने को कहा गया लेकिन सुनवाई नहीं हुई।

2018-19 के नोटिस भेजकर वसूला जा रहा टैक्स : शहर में कई बर्तन व्यापारियों को जीएसटी विभाग ने 2018-19 के नोटिस भेज दिए हैं और टैक्स 2025 के हिसाब से वसूला जा रहा है। विभाग के इस कदम से व्यापारी जरा भी संतुष्ट नहीं है। व्यापारियों का आरोप है कि अनावश्यक रूप से उन्हें परेशान किया जा रहा है। इस पर प्रशासन को जांच कराकर कार्रवाई करनी चाहिए।

सहालग और त्योहार को छोड़ नहीं होती खरीदारी: चार-पांच साल पहले शहर का बर्तन बाजार हर रोज खिला रहता है। अब स्थिति एक दम पलट सी गई है। बर्तन कारोबारियों ने बताया कि अब तो केवल सहालग , धनतेरस और दीवाली पर ही लोगों की भीड़ उमड़ती है। साल भर में इन्हें त्योहारों पर बिक्री की उम्मीद रहती है। बाकी दिनों तो ऐसा हाल रहता है कि एक -दो ग्राहक ही दिन भर में बर्तन खरीदने आते हैं। ऑनलाइन खरीदारी से सबसे ज्यादा चोट पहंुची है। व्यापार घटने से लोगों को दुकानों और कर्मचारियों के खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। रागिनी अग्रवाल बताती हैं कि हम दुकान बंद कर देर शाम को घर जाते हैं ऐसे में हमारी सुरक्षा के लिए बाजार में महिला पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाए, साथ ही बर्तन बाजार में भी पुलिस तैनात हो।

बोले बर्तन व्यापारी

दुकान के पास सुबह से रिक्शे खड़े हो जाते हैं इससे बर्तन दुकान पर लोगों को आने में दिक्कत आती है।

- विजय गोयल

सहालग में सोचते हैं चार पैसे की बचत होगी, ऐसे में जीएसटी टैक्स के नाम पर परेशान करने लगती है।

- रोहित

सहालग में ही खरीदारी होती है। वैसे कुछ लोग ही बर्तन खरीदते हैं। ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी से व्यापार प्रभावित हो रहा।

- प्रतीक

सहालग में व्यापार चल रहा है। जिस दिन शादी बारात खत्म हो जाते हैं, उसी दिन से बोहनी का संकट हो जाता है।

- अभिषेक

दुकान से रोज शाम कैश लेकर जाते हैं, ऐसे में सुरक्षा के नाम पर केवल पिकेट ड्यूटी लगती है।

-उमेश चंद्र

दुकानों के सामने ई रिक्शे खड़े होने से दिनभर जाम लगा रहता है। इससे ग्राहक नहीं आ पाते हैं।

- मेहरबान सिंह

पार्किंग व्यवस्था न होने से दुकानदार और ग्राहक सड़क पर वाहन खड़ा करते हैं इससे जाम लगता है। - मनोज गर्ग

शादी बारात के अलावा अन्य दिनों में भी लोग घर सामान लेने आते थे पर अब ऑनलाइन पर निर्भर हो गए हैं।

- हरिबाबू

घंटाघर के बाजार में नो इंट्री है। फिर भी रिक्शे वाले नहीं मानते,इससे रोज जाम लगता है।

- संजीव सिपौल्यिा

रात में दुकान बंद कर घर आने-जाने में डर सा महसूस होता है इसलिए पुलिस की सुरक्षा बढ़ाई जाए।

- सोनिया अग्रवाल

बाजार में कई महिलाएं भी कारोबार कर रही हैं, इसलिए अलग से महिला पुलिस ड्यूटी लगाई जाए।

-रागिनी अग्रवाल

सड़क तो चौड़ी कर दी लेकिन नालियां नहीं बनाईं इससे बारिश में जलभराव से जूझना पड़ेगा।

- राजेंद्र सोनी

व्यापारियों को जो दिक्कतें आ रही है, हल कराने को प्रशासन को जल्द ही पहल करनी चाहिए।

- संतोष गुप्ता, उद्योग व्यापार जिलाध्यक्ष

सुझाव

1. घंटाघर बर्तन बाजार में दिन भर ई-रिक्शों के खड़े होने से जाम लगा रहता है, इन कार्रवाई हो।

2. घंटाघर के पास एक जगह चिन्हित कर पार्किंग की सुविधा प्रदान की जाए।

3. जीएसटी विभाग चेकिंग का समय निर्धारित करें। तीज त्योहारों पर परेशान न किया जाए।

4. घंटाघर पर जाम से निपटने के लिए वाहन सवारों पर सख्ती बरती जाए।

5. बड़े व्यापारियों को लाइसेंस जारी कर उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाए।

6. घंटाघर के बर्तन बाजार की नियमित साफ-सफाई कराई जाए।

7. व्यापारियों की सुरक्षा के लिए रात में गश्त बढ़ाई जाए।

शिकायतें

1. घंटाघर के आसपास पार्किंग न होने से दिन भर जाम लगा रहता है इससे दुकान पर ग्राहक नहीं आ पाते हैं।

2. घंटाघर में बर्तन की दुकानों के बाहर ई रिक्शा और ऑटो लाइन से खड़े रहते हैं।

3. जीएसटी विभाग आएदिन नोटिस भेजकर व्यापार को प्रभावित करता है।

4. बर्तन बाजार में सुरक्षा के कड़़े बंदोबस्त न होने से हर रोज व्यापारी भयभीत रहते है।

5. ऑनलाइन खरीदारी से हर माह बर्तन बाजार प्रभावित हो रहा है। इससे दिक्कतें होती है।

6. रात में पुलिस दुकानों के बाहर तैनात नहीं रहती है।

7. बर्तन बाजार में साफ-सफाई नियमित नहीं कराई जाती है।

बोले जिम्मेदार

घंटाघर शहर का प्राचीन व ऐतिहासिक स्थल है। यहां पर बर्तन बाजार में फैली अव्यवस्थाओं को दूर कराने के लिए जिला प्रशासन से जल्द ही संवाद किया जाए, इससे बर्तन कारोबारियों को राहत मिले।

-राघवेंद्र गुप्ता रानू, महामंत्री, उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल

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