पचनद हुई उग्र, 12 गांवों से संपर्क टूटा
रामपुरा क्षेत्र के पचनद में पहूज नदी में बाढ़ आई है, जिससे कई गांव जैसे जायघा, विलौड़ और कंजौसा प्रभावित हुए हैं। सड़क मार्गों पर पानी भर जाने से आवागमन बाधित हो गया है। जबकि सिंध नदी में भी जल स्तर...
रामपुरा क्षेत्र के पचनद में इस बार सर्वाधिक बाढ़ पहूज नदी में आई है। इससे जायघा, विलौड़, हुकुमपुरा, सुल्तानपुरा, जखेता, कूसेपुरा, मिर्जापुरा जागीर मोहब्बतपुरा, कंजौसा पानी से घिर गए हैं, वही कंजौसा और जायघा एवं नदिया पार के चार गांव के सड़क मार्ग पर पानी भर जाने से इनका आवागमन संपर्क टूट गया है। पहुज के अतिरिक्त सिंध नदी में भी जल स्तर बढ़ा है, लेकिन अभी यमुना, चंबल और कुंवारी में जलस्तर बहुत अधिक न होने से वर्ष 2019-20 में आई बाढ़ की तुलना में पानी का जलस्तर पांच मीटर नीचे है, जिससे संकट उत्पन्न नहीं हुआ है। फिर भी ग्रामीणों को आशंका है यदि नदियों में पानी का स्तर इसी प्रकार बढ़ता गया तो जन जीवन संकट में पड़ जाएगा। बाढ़ की संभावित आपदा से निपटने एवं बचाव के लिए बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों ने स्वस्तरीय प्रयास करना प्रारंभ कर दिए हैं। अपने घरों का खाद्यान्न एवं तमाम सामान सुरक्षित स्थानों पर रखना प्रारंभ कर दिया है। पशुओं की सुरक्षा हेतु उनके लिए ऊंचे स्थानों पर भोजन पानी का भी प्रबंध प्रारंभ किया जा रहा है ताकि बाढ़ की आपदा में परिवार एवं पशुधन के जीवन की सुरक्षा की जा सके।
ग्रामीण घबराएं नहीं, बाढ़ का पानी स्थिर है
उप जिलाधिकारी माधौगढ़ सुरेश कुमार पाल ने बताया बाढ़ के पानी में स्थिरता आई है। उम्मीद की जा रही है कि अब पानी कम होना शुरू हो जाएगा, वहीं प्रशासन नदियों के तटवर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरतते हुए भ्रमण कर खतरे से निपटने के लिए कटिवद्ध है। माधौगढ़ तहसील क्षेत्र के समस्त अधिकारी लेखपाल व कर्मचारी क्षेत्र में डेला डाले हुए हैं।
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