Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़उरईDivine Leelas of Lord Krishna Celebrated on Sixth Day of Bhagwat Katha at Shani Dham

भागवत कथा में श्रीकृष्ण की बाल लीलाएं सुन आनंदित हुए श्रोता

गूढ़ स्थित शनिधाम पर भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। कथा व्यास हर्षिता किशोरी ने बताया कि भगवान कृष्ण ने माखन चोरी और पूतना वध की लीलाओं के माध्यम से गोकुलवासियों...

Newswrap हिन्दुस्तान, उरईFri, 8 Nov 2024 10:05 PM
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गूढ़ स्थित शनिधाम पर भागवत कथा के छठे दिन भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का वर्णन किया गया। भागवत कथा में कथा व्यास हर्षिता किशोरी ने कहा कि लीला और क्रिया में अंतर होती है। अभिमान और सुखी रहने की इच्छा क्रिया कहलाती है। जबकि दूसरों को सुखी रखने की इच्छा को लीला कहते हैं। भगवान श्रीकृष्ण ने यही लीला की, जिससे समस्त गोकुलवासी सुखी और संपन्न थे। उन्होंने कहा कि माखन चोरी करने का आशय मन की चोरी से है। कन्हैया ने भक्तों के मन की चोरी की। उन्होंने तमाम बाल लीलाओं का वर्णन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण के जन्म लेने पर कंस उनकी मृत्यु के लिए राज्य की सबसे बलवान राक्षसी पूतना को भेजता है। राक्षसी पूतना भेष बदलकर भगवान कृष्ण को अपने स्तन से जहरीला दूध पिलाने का प्रयास करती है, परंतु भगवान उसका वध कर देते हैं। इसी प्रकार कार्तिक माह में ब्रजवासी भगवान इंद्र को प्रसन्न करने के लिए पूजन कार्यक्रम की तैयारी करते हैं, परंतु भगवान कृष्ण उनको इंद्र की पूजा करने से मना कर देते हैं और गोवर्धन की पूजा करने के लिए कहते हैं। यह बात सुनकर भगवान इंद्र नाराज हो जाते हैं और गोकुल को बहाने के लिए भारी वर्षा करते हैं। इसे देखकर समस्त ब्रजवासी परेशान हो जाते हैं। भारी वर्षा को देखकर भगवान कृष्ण कनिष्ठ अंगुली पर गोवर्धन पर्वत को उठाकर सभी लोगों को उसके नीचे छिपा लेते हैं।

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