तुलसी पूजन से घरों में रहती सकारात्मक ऊर्जा: देवकीनंदन
Orai News - मंगलवार को श्रीकृष्ण, रुक्मिणी विवाह को देखने के लिए उमडे़ लोगकथा पांडाल में सजाई गई मनोरम झांकी, भक्ति गीतों पर नाच पडे़ लोगफोटो परिचय, 18ओआरआई, 33,
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उरई, संवाददाता। गल्ला मंडी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में मंगलवार को कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने तुलसी पूजा की कथा का प्रसंग विस्तार से सुनाया। उन्होंने कहा कि तुलसी पूजा से घरों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस दौरान श्रीकृष्ण, रुक्मिणी विवाह का आयोजन किया गया। मनोरम झांकी देख श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूमने लगे। गल्ला मंडी में कथा स्थल पर पुलिस अधीक्षक डॉ. दुर्गेश कुमार ने व्यासपीठ का आशीर्वाद प्राप्त कर कथा का रसपान किया। देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि देश में धर्म को बचाने के लिए सनातनियों को परिवार और समाज में धार्मिक जागरूकता फैलानी चाहिए। अधिक से अधिक बच्चों को धार्मिक शिक्षा से जोड़ना चाहिए। आजकल हिंदू परिवारों में बच्चों को सनातन धर्म की शिक्षा नहीं दी जाती है, लेकिन सोशल मीडिया पर स्वयं को धार्मिक दिखाने की प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है। उन्होंने आग्रह किया कि हर सनातनी को अपने परिवार में धर्म की शिक्षा देनी चाहिए, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़ी रहें। प्रत्येक सनातनी को तुलसी माता की सेवा अवश्य करनी चाहिए, क्योंकि तुलसी न केवल आध्यात्मिक रूप से पवित्र मानी जाती हैं, बल्कि घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का भी संचार करती हैं।
हर सनातनी के तीन से चार बाल गोपाल होने चाहिए
कथावाचक ने कहा कि प्रत्येक सनातनी के घर में तीन-चार बाल गोपाल अवश्य होने चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण के बाल रूप की पूजा करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इससे बच्चों में धार्मिक संस्कार भी विकसित होते हैं।
बड़े मंदिरों को सरकार से मुक्त कर बनाई जाए संस्था
विष्णु महायज्ञ के संयोजक प्रदीप महेश्वरी के आवास पर देवकीनंदन ठाकुर ने प्रेसवार्ता कर कहा कि जिस दिन देश के नेता अच्छा काम करने लगेंगे, उस दिन संतों को आगे आने की जरुरत नहीं पड़ेगी। नेताओं को राजनीति करने के साथ गीता, वेद, पुराण के साथ रामायण के बारे में जानना चाहिए। इससे यह पता चलता कि धार्मिक ग्रंथ क्या कहता है। इसके अलावा संत ने कहा कि देश में जितने भी बडे़ मंदिर, वह सब सरकार के अधीन है। सरकार ऐसे मंदिरों को मुक्त कर एक ऐसी संस्था बनाएं, इससे गुरुकुल के साथ सनातनियों की सेवा की जा सके। वहीं, स्वास्थ्य सेवाओं के लिए हास्पिटल, गायों की सेवा के लिए गोशालाओं का निर्माण कराया जा सके। इस समय सनातनी युग चल रहा है। सनातनी जगत को बचाने के लिए प्रदेश व केंद्र की त्रिमूर्ति काम कर रही हैं।
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