एनआरआई डॉक्टर को 9 दिन डिजिटल अरेस्ट रख 80 लाख उड़ाए, आरोपी को पंजाब से न ला पाई पुलिस
- साइबर ठगी के मास्टरमाइंड अटानू चौधरी को ढूंढते-ढूंढते साइबर सेल लुधियाना पहुंची पर हाथ कुछ नहीं लगा। कानून की बंदिशें ऐसी थीं कि न तो साइबर ठगी के मास्टरमाइंड को लाया जा सका और न ही पैसा बरामद हुआ। मास्टरमाइंड को नोटिस देकर तलब किया गया है।
Digital Arrest: कानपुर के गीता नगर के एनआरआई डॉक्टर को नौ दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रख 80 लाख उड़ा दिए। यह ठगी करने वाले मास्टरमाइंड गुवाहाटी असोम निवासी अटानू चौधरी को ढूंढते-ढूंढते साइबर सेल लुधियाना पहुंची पर हाथ कुछ नहीं लगा। कानून की बंदिशें ऐसी थीं कि न तो साइबर ठगी के मास्टरमाइंड को लाया जा सका और न ही पैसा बरामद हुआ। मास्टरमाइंड को नोटिस देकर तलब किया गया है।
लुधियाना के व्यापारी पॉल ओसवाल से सात करोड़ रुपये ठगी के मामले में मास्टरमाइंड अटानू चौधरी को लुधियाना पुलिस ने गुवाहाटी असोम से गिरफ्तार कर एडीशनल चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के न्यायालय में पेश किया। यही अटानू कानपुर के एनआरआई डाक्टर और उनके भतीजे को डिजिटल अरेस्ट करने का मुख्य आरोपी है। कानपुर की साइबर सेल को जब उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मिली तो वह भी ट्रांजिट रिमांड मांगने लुधियाना पहुंच गई। इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि न्यायालय ने अटानू को सशर्त जमानत दे दी लेकिन जब उन्होंने ट्रांजिट रिमांड मांगी तो वकीलों ने विरोध कर दिया। अपराध सात साल तक की सजा का होने के चलते न्यायालय ने ट्रांजिट रिमांड खारिज कर दी। उसे 41ए का नोटिस भेजकर बयान दर्ज कराने के लिए तलब किया गया है। तमिलनाडु के कोयंबटूर निवासी नंद कुमार नंदी राजन और जोधपुर निवासी महिला राना का नाम भी ठगी में आया है।
यह था मामला
काकादेव के गीता नगर निवासी एनआरआई डाक्टर रमेश चंद्र टंडन और उनके भतीजे संजय टंडन को 25 अगस्त 2024 को साइबर ठगों ने नौ दिनों तक डिजिटल अरेस्ट करके 80 लाख रुपये की ठगी की थी। तीन किश्तों में यह पैसा कोयंबटूर, असोम और राजस्थान स्थित खातों में मंगवाया गया था। साइबर सेल ने छह सितंबर को मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
नंद कुमार और राना शामिल
नंद कुमार का जो पता साइबर सेल को मिला, उसकी जांच हुई तो पता चला कि वह चार साल से वहां नहीं रह रहा है जबकि महिला राना के निवास की साइबर सेल क्षेत्रीय पुलिस से तफ्तीश करा रही। कोई भी रिपोर्ट साइबर सेल को नहीं मिली।
असोम वाले खाते में पाए गए 3.71 करोड़ रुपये
विवेचक इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह ने तीनों खातों को फ्रीज कराया। डिटेल खंगाली तो एसबीआई गुवाहाटी असोम के खाते में 3.71 करोड़ रुपये मिले। जिससे ठगी गई धनराशि के वापसी की उम्मीद बढ़ गई। अन्य दोनों खातों में पैसा नहीं था। इंस्पेक्टर ने एसीजे जूनियर डिवीजन की कोर्ट में पैसा रिलीज करने का प्रार्थना पत्र दिया। 19 सितंबर 2024 को कोर्ट ने पैसा रिलीज का आदेश पारित किया।
एनआरआई डॉ. का पैसा वापस नहीं मिल सका
दरअसल हुआ यूं कि जिस खाते का प्रयोग डाक्टर से ठगी में हुआ था, उसी खाते का प्रयोग लुधियाना के व्यापारी पॉल ओसवाल से ठगी गई रकम मंगाने में भी हुआ। ठगों ने उनसे सात करोड़ की ठगी की थी। लुधियाना पुलिस ने 3.71 करोड़ रुपये के रिलीज का आदेश कोर्ट से सात सितंबर 2024 को ही ले लिया और 19 सितंबर को पैसा रिलीज करा लिया।
क्या बोली पुलिस
मामले की जांच कर रहे इंस्पेक्टर शैलेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि लुधियाना कोर्ट से अटानू का ट्रांजिट रिमांड मांगा गया था जिसे निरस्त कर दिया गया। अब उसे 41ए के तहत नोटिस जारी कर तलब किया गया है। उसके दोनों साथियों की जानकारी भी हो गई है।