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अब कम पानी के बावजूद खराब नहीं होगी दलहन की फसल, गोरखपुर के वैज्ञानिक ने खोजा प्रोटीन

  • PSBS नाम का एक खास प्रोटीन पौधे में ही पाया जाता है। यह प्रोटीन मिट्टी में पानी कम होने पर मटर की फसल को सूखने से बचाता है। मटर के अलावा मूंग, अरहर, चना, उरद, काबुली चना में भी यह प्रोटीन मिलता है। डॉ. जयेंद्र पांडेय ने बताया कि इस संबंध में लगभग 6 साल तक किए गए शोध के परिणाम बेहद सकारात्मक रहे हैं।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, गोरखपुर। मनीष मिश्रSat, 9 Nov 2024 07:38 AM
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Protein for pulse crops: गोरखपुर के वैज्ञानिक ने सूखे की स्थिति में दलहन की फसल को बचाने का रास्ता तलाश लिया है। इससे कम पानी के बावजूद दलहन की फसल खराब नहीं होगी। दलहन में मौजूद प्रोटीन ही फसल को बचाएगा। गोरखपुर के तारामंडल इलाके में रहने वाले कृषि वैज्ञानिक डॉ. जयेंद्र पांडेय ने हैदराबाद विश्वविद्यालय में प्लांट बायोटेक्नोलॉजी में पीएचडी के दौरान यह रिसर्च की है। रिसर्च पेपर अमेरिका के प्रतिष्ठित जर्नल ‘द प्लांट’ में प्रकाशित हुआ है। उन्होंने बताया कि यह शोध दलहन की प्रमुख फसल मटर (पाइसम सैटाइवम) पर किया गया। सामान्य तौर पर बारिश कम होने या सूखाग्रस्त क्षेत्रों में फसल खराब होने से उत्पादन प्रभावित हो जाता है।

इस स्थिति से बचाव के लिए पीएसबीएस नाम का एक खास प्रोटीन पौधे में ही पाया जाता है। यह प्रोटीन मिट्टी में पानी कम होने पर मटर की फसल को सूखने से बचाता है। मटर के अलावा मूंग, अरहर, चना, उरद, काबुली चना में भी यह प्रोटीन मिलता है। डॉ. जयेंद्र पांडेय ने बताया कि इस संबंध में लगभग छह वर्ष तक किए गए शोध के परिणाम बेहद सकारात्मक रहे हैं।

‘द प्लांट’ में प्रकाशित हुआ रिसर्च

डॉ. जयेंद्र ने बताया कि यह रिसर्च इसी वर्ष अंतर्राष्ट्रीय जनरल ‘द प्लांट’ में प्रकाशित हुआ है। इसी शोध पर यूनिवर्सिटी आफ हैदराबाद से पीएचडी की उपाधि मिली है। पीएसबीएस प्रोटीन पर यह प्राथमिक शोध है। इसके बाद एडवांस शोध होगा। इस प्रोटीन का दलहन की फसलों पर प्रभाव का असर भी देखा जाएगा। पौधे को बचाने के साथ ही यह प्रोटीन उत्पादन में कितना सहायक है, उसके प्रभाव का अध्ययन व आकलन होगा।

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