अब 15 दिन में बनेगा पासपोर्ट, पुलिस वेरीफिकेशन होगा आसान
आम तौर पर 30 दिनों में जारी होने वाला पासपार्ट अब 15 दिन में ही बन जाएगा।केगा। पुलिस सत्यापन से लेकर दस्तावेजों की स्कैनिंग में अब एआई (आर्टिफिशियल) का प्रयोग होगा। इससे वेरीफिकेशन भी आसान होगा।

अब पासपोर्ट न सिर्फ जल्दी बन जाएगा, बल्कि इसके बनने की प्रक्रिया भी सुरक्षित और तेज हो जाएगी। पुलिस सत्यापन से लेकर दस्तावेजों की स्कैनिंग में अब एआई (आर्टिफिशियल) का प्रयोग होगा। विदेश मंत्रालय का पासपोर्ट प्रभाग इस आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की योजना बना रहा है। एआई के साथ बायोमीट्रिक, एडवांस डाटा विश्लेषण, चैट बॉट आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे आम तौर पर 30 दिनों में जारी होने वाला पासपार्ट 15 दिन में ही मिल सकेगा।
एआई का उपयोग अचूक सत्यापन में करने की योजना बनाई जा रही है। ऑटोमेटिक दस्तावेज सत्यापन के तहत एआई टूल्स के जरिए स्कैनिंग होगी। इससे आवेदन पत्र और जमा किए गए दस्तावेजों (जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण) को स्कैन किया जाएगा। ये टूल दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करेंगे, जैसे फॉन्ट, हस्ताक्षर, बारकोड और अन्य सुरक्षा विशेषताओं का विश्लेषण हो सकेगा। इससे आवेदन में त्रुटियां (जैसे गलत नाम, जन्मतिथि, या अधूरे विवरण) का पता लग सकेगा। आवेदकों को सुधार के लिए तुरंत सूचित करेगा। इससे मैन्युअल जांच की आवश्यकता कम हो जाएगी। मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके जाली दस्तावेजों की पहचान की जा सकेगी। छेड़छाड़ किए गए फोटो, फर्जी हस्ताक्षर, या बदले गए बारकोड का पता लगाया जा सकेगा। पासपोर्ट सेवा केंद्र में पासपोर्ट बनवाने में साक्षात्कार के लिए अप्वाइंटमेंट दिलाने में भी मदद करेगा।
अब पासपोर्ट न सिर्फ जल्दी बन जाएगा, बल्कि इसके बनने की प्रक्रिया भी सुरक्षित और तेज हो जाएगी। पुलिस सत्यापन से लेकर दस्तावेजों की स्कैनिंग में अब एआई (आर्टिफिशियल) का प्रयोग होगा। विदेश मंत्रालय का पासपोर्ट प्रभाग इस आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की योजना बना रहा है। एआई के साथ बायोमीट्रिक, एडवांस डाटा विश्लेषण, चैट बॉट आदि का इस्तेमाल किया जाएगा। इससे आम तौर पर 30 दिनों में जारी होने वाला पासपार्ट 15 दिन में ही मिल सकेगा।
एआई का उपयोग अचूक सत्यापन में करने की योजना बनाई जा रही है। ऑटोमेटिक दस्तावेज सत्यापन के तहत एआई टूल्स के जरिए स्कैनिंग होगी। इससे आवेदन पत्र और जमा किए गए दस्तावेजों (जैसे आधार कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पते का प्रमाण) को स्कैन किया जाएगा। ये टूल दस्तावेजों की प्रामाणिकता की जांच करेंगे, जैसे फॉन्ट, हस्ताक्षर, बारकोड और अन्य सुरक्षा विशेषताओं का विश्लेषण हो सकेगा। इससे आवेदन में त्रुटियां (जैसे गलत नाम, जन्मतिथि, या अधूरे विवरण) का पता लग सकेगा। आवेदकों को सुधार के लिए तुरंत सूचित करेगा। इससे मैन्युअल जांच की आवश्यकता कम हो जाएगी। मशीन लर्निंग मॉडल का उपयोग करके जाली दस्तावेजों की पहचान की जा सकेगी। छेड़छाड़ किए गए फोटो, फर्जी हस्ताक्षर, या बदले गए बारकोड का पता लगाया जा सकेगा। पासपोर्ट सेवा केंद्र में पासपोर्ट बनवाने में साक्षात्कार के लिए अप्वाइंटमेंट दिलाने में भी मदद करेगा।
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जल्द मिलेगी रिपोर्ट
एआई के जरिये आवेदकों के पुलिस सत्यापन में तेजी आ जाएगी। सीसीटीएनएस (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स) डेटाबेस के साथ एकीकृत होगा। यह सिस्टम पुलिस सत्यापन को डिजिटल और स्वचालित बनाएगा। एआई से आवेदक के विवरण (जैसे नाम, पता, आधार नंबर) को डेटाबेस से मिलान किया जा सकेगा और आपराधिक रिकॉर्ड या संदिग्ध गतिविधियों की जांच करेगा। यह प्रक्रिया पहले के मैन्युअल पुलिस सत्यापन की तुलना में तेज होगी क्योंकि एआई डेटा विश्लेषण को सेकंडों में पूरा कर सकता है।