Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़now new arrangement to take care of roadways buses of up 19 workshops will be given on contract

यूपी की रोडवेज बसों का ख्‍याल रखने के लिए अब नया इंतजाम, ठेके पर दिए जाएंगे 19 वर्कशॉप

  • प्रबंधन का दावा है कि इस व्यवस्था से बसों का मेंटीनेंस समय पर और कम खर्च से होगा। विभाग पर मैनपावर का खर्च भी नहीं आएगा। इससे विभाग को आर्थिक बचत भी होगी। विकासनगर में 64 संविदा नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रबंधन का दावा है कि जनवरी से ठेकेदार बसों की सर्विसिंग करना शुरू कर देगा।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, कानपुर। राममहेश मिश्रWed, 4 Dec 2024 05:34 AM
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UP Roadways Bus Workshop: रोडवेज के निजीकरण के क्रम में कानपुर सहित प्रदेश की 19 वर्कशॉप को पीपीपी के तहत ठेके पर काम कराने का फैसला किया गया है। कानपुर की विकासनगर वर्कशॉप में भी बसों का मेंटीनेंस ठेकेदार के कर्मचारी करेंगे। प्रबंधन का दावा है कि इस व्यवस्था से बसों का मेंटीनेंस समय पर और कम खर्च से होगा। विभाग पर मैनपावर का खर्च भी नहीं आएगा। इससे विभाग को आर्थिक बचत भी होगी। विकासनगर में 64 संविदा नियमित कर्मचारी कार्यरत हैं। प्रबंधन का दावा है कि नए साल यानी कि जनवरी से ठेकेदार बसों की सर्विसिंग करना शुरू कर देगा। इसकी वजह यह है कि विकासनगर वर्कशाप सहित पूरे प्रदेश भर की वर्कशाप का ठेका आवंटित किया जा चुका है। कांट्रेक्टर को निर्देश जारी कर दिए गए हैं कि जनवरी-2025 से बसों की सर्विसिंग कराना शुरू कर दें।

एक नजर में कर्मचारियों का ब्योरा

कुल कर्मचारी 65

नियमित 27

पीस मील कर्मी 13

आउटसोर्सिंग 24

प्रबंधन का दावा, नई तकनीक की बसों का समय पर होगा मेंटीनेंस

रोडवेज अफसरों का दावा है कि ठेके पर बसों की सर्विसिंग और मेंटीनेंस होने से रास्ते में बसें न के बराबर खराब होंगी। इसके अलावा कंपनियां आधुनिक प्रणाली से बसों की सर्विसिंग और चेकिंग करेंगी तो कई तरह के फायदे मिलेंगे। सबसे बड़ा फायदा बस यात्रियों को होगा। आम यात्रियों की शिकायतें भी दूर हो जाएंगी।

वर्कशॉप में महीने में 150 से 200 बसें जाती थीं मेंटीनेंस के लिए

कानपुर। विकासनगर वर्कशाप में हर महीने 150 से 200 बसें मेंटीनेंस को जाती थी। रूट से आने के बाद बसों की फौरी तौर पर चेकिंग और तय किमी. चलने के बाद उनकी पूरी सर्विसिंग होती थी। एसी हो या फिर साधारण बस। विकासनगर डिपो की हर बस यहां पर फिट होती थी।

सूबे की कौन-कौन वर्कशाप दिए गए ठेके पर

प्रदेश में कुल वर्कशाप 104

पहले से ठेके पर 04

मौजूदा में दिए गए ठेके पर 19

विभाग के पास बचे वर्कशाप 77

कहां के वर्कशॉप निजी हाथों में सौंपे गए

ताज डिपो, आगरा क्षेत्र, साहिबाबाद डिपो, गाजियाबाद क्षेत्र, सोहराब गेट, मेरठ क्षेत्र, छुटमलपुर डिपो, सहारनपुर, एटा डिपो, अलीगढ़, नजीमाबाद डिपो, मुरादाबाद, बदायूं डिपो, बरेली, हरदोई डिपो, हरदोई, इटावा डिपो, इटावा, विकासनगर डिपो, कानपुर, झांसी डिपो, झांसी, अवध डिपो लखनऊ, सुल्तानपुर डिपो, अयोध्या, जीरो रोड, प्रयागराज, बलिया डिपो, आजमगढ़, देवरिया डिपो, गोरखपुर, कैंट डिपो, वाराणसी, बांदा डिपो, चित्रकूट और बलरामपुर डिपो, देवीपाटन क्षेत्र के हैं।

क्‍या बोले अधिकारी

विकासनगर डिपो के एआरएम रामलवट ने कहा कि विकानगर सहित सूबे के 19 वर्कशाप को कांट्रैक्ट पर दिया गया है। बसों का मेंटीनेंस अब कंपनियां करेंगी। मुख्यालय का फैसला है तो विभाग और जनहित में ही होगा। वैसे विभाग के कर्मचारी भी तत्परता से बसों की सर्विसिंग करते थे।

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