Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़now legs will not have to be amputated due to incurable wound treatment found only in blood research in brd

लाइलाज घाव के चलते अब नहीं काटने पड़ेंगे पैर, खून में ही ढूंढा इलाज; BRD में हुई रिसर्च

  • इस रिसर्च में लंबे समय से पैरों में लेग अल्सर से जूझ रहे 88 मरीजों का चयन किया गया। इनके घाव लंबे समय से एंटीबायोटिक के सेवन के बावजूद ठीक नहीं हो रहे थे। चयन में सावधानी बरती गई कि घाव में इंफेक्शन, खून में प्लेटलेट्स की कमी और खून पतला करने की दवा लेने वाले मरीज न हों।

Ajay Singh हिन्दुस्तान, गोरखपुर। मनीष मिश्रTue, 15 Oct 2024 08:28 AM
share Share

लाइलाज घाव के चलते अब पैर नहीं काटने पड़ेंगे। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने मरीज के खून से ही लाइलाज लेग अल्सर का इलाज ढूंढ लिया है। इस विधा से एक साल पुराना जख्म महज छह हफ्ते में भर गया। इलाज में मरीज के खून से निकले प्लाज्मा प्लेटलेट्स और प्लाज्मा फाइब्रीन का प्रयोग किया गया।

यह रिसर्च की है चर्मरोग विभागाध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार गुप्ता और सीनियर रेजिडेंट डॉ स्नेहलता ने। इस रिसर्च में लंबे समय से पैरों में जख्म (लेग अल्सर) से जूझ रहे 88 मरीजों का चयन किया गया। इनके घाव लंबे समय से एंटीबायोटिक के सेवन के बावजूद ठीक नहीं हो रहे थे। चयन में सावधानी बरती गई कि घाव में इंफेक्शन, खून में प्लेटलेट्स की कमी और खून पतला करने की दवा लेने वाले मरीज न हों।

ऐसे हुई रिसर्च

प्लेटलेट्स युक्त प्लाज्मा में खून के क्लॉटिंग (जमने) के गुर होते हैं। इसी प्लाज्मा से फाइब्रीन भी निकलता है। प्लाज्मा तरल जबकि फाइब्रीन मलहम जैसा होता है। लेग अल्सर के मरीज को 44-44 के दो समूह में बांटा गया। एक समूह को छह हफ्ते तक प्लाज्मा रिच प्लेटलेट्स (पीआरपी) घाव पर लगाया गया। जबकि दूसरे समूह को छह हफ्ते तक प्लाज्मा रिच फाइब्रीन (पीआरएफ) का लेप घाव पर लगाया गया। हर हफ्ते मलहम लगाकर ड्रेसिंग होती। रिसर्च करीब दो साल चली। रिसर्च के परिणाम सकारात्मक रहे। जिन मरीजों को पीआरएफ लगाया गया, उनके घाव साढ़े चार हफ्ते में ही सूखने लगे। जबकि पीआरपी वाले मरीजों में घाव सूखने की क्रिया साढ़े पांच हफ्ते बाद शुरू हुई।

मरीज के खून से बना पीआरपी और पीआरएफ

इस रिसर्च के लिए पीआरपी व पीआरएफ मरीज के ही खून से निकाला गया। इसके लिए मरीज के खून की सिर्फ 10 एमएल की जरूरत हुई। इसी रिसर्च पर सीनियर रेजिडेंट को कालेज में पीजी अवार्ड हुआ है। अब इस शोध पत्र को इंटरनेशनल जर्नल में प्रकाशन के लिए भेजा जा रहा है।

लेग अल्सर इन्हें

यह बीमारी ज्यादातर उन लोगों को होती है जो ड्यूटी के दौरान ज्यादा देर तक खड़े रहते हैं। रिसर्च के लिए चयनित मरीजों में ज्यादातर शिक्षक, पुलिसकर्मी, सैनिक व अर्धसैनिक बलों के जवान के साथ ही कुछ कुष्ठ रोगी रहे।

अगला लेखऐप पर पढ़ें