Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Now fatwa for new year Muslim Jamaat President Shahabuddin calls celebrations and congratulations illegitimate

अब नए साल को लेकर फतवा, मुस्लिम जमात के अध्यक्ष शहाबुद्दीन ने जश्न और बधाई को बताया नाजायज

ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दारुल इफ्ता के प्रमुख मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में कहा है कि नये साल का जश्न मनाना, बधाई देना और कार्यक्रम आयोजित करना इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, बरेली वरिष्ठ संवाददाताSun, 29 Dec 2024 08:19 PM
share Share
Follow Us on

दो दिन बाद ही नए साल का आगाज होने वाला है। लोगों ने इसे मनाने की तैयारियां बहुत पहले से शुरू कर दी है। होटलों में पार्टियां बुक हैं। अलग अलग तरह से लोग नए साल का जश्न मनाएंगे और एक दूसरे को बधाइयां देंगे। दारुल इफ्ता ने इसे लेकर फतवा जारी किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष और दारुल इफ्ता के प्रमुख मुफ्ती मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने फतवे में कहा है कि नये साल का जश्न मनाना, बधाई देना और कार्यक्रम आयोजित करना इस्लामी शरीयत की रोशनी में नाजायज है। इस्लाम इस तरह के कार्यक्रमों को सख्ती के साथ रोकता है।

मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने फतवे में कहा है कि नया साल जनवरी से शुरू होता है जो दूसरे धर्म का नया साल है। उनका मजहबी, धार्मिक कार्यक्रम है। वो हर साल के पहले दिन जश्न मनाते हैं, इसमें विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन करते हैं। इसलिए मुसलमानों के लिए नये साल का जश्न मनाना जायज नहीं है।

ये भी पढ़ें:काशी विश्वनाथ में नए साल पर नई व्यवस्था, श्रद्वालुओं को मिलेगी राहत या होगी आफत

फतवे में यह भी कहा गया है कि नये साल के जश्न पर आतिशबाजी, ताली बजाना, शोर मचाना, सीटी बजाना, हुड़दंग करना फिर लाइट को दोबारा जलाना, नाच-गना करना, शराब पीना, जुआं खेलना, वाट्सअप से मैसेज भेजकर बधाई देना ये सारे काम इस्लामी शरीयत की रौशनी में नाजायज है। फतवे में मुस्लिमों को गैर शरई कामों से बचनने की नसीहत दी गई है। कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति इस तरह का गैर शरई काम को अंजाम देता है तो वो गुनाहगार होगा।

ये भी पढ़ें:लखनऊ में CM योगी के आवास के नीचे भी शिवलिंग, अखिलेश का दावा, बोले- खुदाई कराएं

मौलाना रजवी ने तर्क दिया है कि नए साल से ईसाइयों का नया साल यानी अंग्रेजी साल शुरू होता है। किसी भी गैर-मज़हबी प्रथाओं को मनाना मुसलमानों के लिए सख्त नाजायज है। इस्लाम में नाचना-गाना पूरी तरह से हराम है। नए लड़के और लड़कियों को ये हिदायत दी गई है कि नए साल का जश्न ना मनाएं। मुसलमानों को नए साल का जश्न मनाने से बचना चाहिए।

फतवे में कहा गया है कि नया साल जनवरी में शुरू होता है जो गैर-मुसलमानों का धार्मिक कार्यक्रम है। इस्लामी शरीयत की रोशनी में नए साल का जश्न मनाना, शुभकामनाएं देना और कार्यक्रम आयोजित करना नाजायज है। फतवे में मुसलमानों से कहा गया है कि वे दूसरों के धार्मिक त्योहारों में शामिल होने, उन्हें खुद मनाने या उनके जश्न को देखने से बचें और दूसरे मुसलमानों को भी ऐसा करने से रोकें। अगर कोई व्यक्ति ऐसा गैर-शरीयत काम करता है तो वह गंभीर अपराधी होगा क्योंकि शरियत में ये काम मुजरिमों वाला है।

अगला लेखऐप पर पढ़ें