अफसरों ने पीएफ-ग्रेच्युटी के 80 लाख दबाए तो पूर्व स्टेनो ने दी जान, ट्रेन के आगे कूदा
- रेलवे ट्रैक पर राजेंद्र कुमार का शव पड़ा देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस को तलाशी में आधार कार्ड मिला। इसके बाद पुलिस ने उनकी पत्नी निकिता को घटना की जानकारी दी। निकिता के मुताबिक शनिवार सुबह करीब 11 बजे उप महाप्रबंधक हैप-विभागध्यक्ष डॉ. रिंकू श्रीवास्तव द्वारा भेजी गई नोटिस घर पहुंची थी।
Suicide due to not getting PF gratuity: सिप्सा के अफसरों ने रिटायर्ड स्टेनो राजेंद्र कुमार जोशी (57) की पीएफ, ग्रेच्युटी के करीब 80 लाख रुपये भुगतान नहीं किए। उल्टे 30 फाइलें गायब होने का आरोप लगाकर नोटिस जारी कर दिया। इससे अवसादग्रस्त राजेंद्र ने शनिवार दोपहर छठा मील में ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी। पत्नी ने फाइनेंस कंट्रोलर बृज बिहारी कुशवाहा समेत अन्य अफसरों पर प्रताड़ना का आरोप लगाया है।
त्रिवेणीनगर तृतीय निवासी पत्नी निकिता के मुताबिक पति सिप्सा में स्टेनोग्राफर थे। स्वास्थ्य कारणों से 11 मई 2024 में वीआरएस ले लिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि आफिस के फाइनेंस कंट्रोलर समेत अन्य अफसर पति को लगातार प्रताड़ित कर रहे थे। अफसरों ने पीएफ और ग्रेजुटी के करीब 80 लाख रुपये रोक लिए थे। आर्थिक तंगी में दवाई नहीं करा पा रहे थे। परिवार भुखमरी की कगार पर था। इस कारण आत्महत्या कर ली। इंस्पेक्टर मनोज कुमार कोरी ने बताया कि रेलवे से राजेंद्र के आत्महत्या करने की जानकारी मिली थी। परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
आधार कार्ड से पहचान
दोपहर में छठा मील के पास रेलवे ट्रैक पर राजेंद्र कुमार का शव पड़ देखकर मौके पर लोगों की भीड़ जुट गई। पुलिस को तलाशी में आधार कार्ड मिला। इसके बाद पुलिस घर पहुंची। उनकी पत्नी निकिता को घटना की जानकारी दी। निकिता के मुताबिक शनिवार सुबह करीब 11 बजे उप महाप्रबंधक हैप-विभागध्यक्ष डॉ. रिंकू श्रीवास्तव द्वारा भेजी गई नोटिस घर पहुंची थी। नोटिस में कहा गया था कि अवशेष 30 पत्रावलियों को खोजने का प्रयास करें। 14 नवंबर तक अपनी रिपोर्ट समिति को इस संबंध में प्रस्तुत करें।
पति गिड़गिड़ाते थे, जेल भेजने की मिली धमकी
निकिता के मुताबिक पति को उनके अफसरों ने जेल भेजने तक की धमकी दी थी। पति ने कैशियर से लेकर उप महाप्रबंधक समेत अन्य अफसरों से पीएफ और ग्रेजुटी का रुपया रिलीज करने की गुहार की, हाथ जोड़कर मांगे मगर अफसरों ने उनकी एक न सुनी। उल्टा धमकाकर जेल भेजने की धमकी देते थे। जबकि वह फाइलें नान वर्किंग थी।
जीवन भर नौकरी की, कुछ नहीं मिला, जान दे दूंगा....
निकिता ने बताया कि पति एक माह से खाना नहीं खा रहे थे। सोते-जागते, उठते-बैठते एक ही रट लगाए रहते थे कि जीवन भर इमानदारी से नौकरी की। बुढ़ापे में सोचा था पीएफ और ग्रेज्युटी मिलेगी जीवन आराम से कटेगा। इन अधिकारियों ने कहीं का नहीं छोड़ा। एक फूटी कौड़ी नहीं दी। सारा रुपया रोक लिया। पति कहते थे कि परेशान होकर किसी दिन आत्महत्या कर लूंगा। आखिरकार अधिकारियों की प्रताड़ना से उन्होंने जान दे ही दी। निकिता ने सरकार और उच्चाधिकारियों से मामले की जांच और सिप्सा के आरोपित अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
उप महाप्रबंधक ने नहीं दिया जवाब
इस संबंध में नोटिस जारी करने वाले उप-महाप्रबंधक डा. रिंकू श्रीवास्तव का पक्ष जानने के लिए 14 बार फोन किया गया पर कोई जवाब नहीं मिला। व्हाट्सऐप और टेक्सट मैसेज का भी जवाब नहीं दिया।
एनओसी नहीं मिलने के कारण रुकी थी ग्रेच्युटी
सिप्सा के वित्त नियंत्रक, बृज बिहारी कुशवाहा ने बताया कि राजेंद्र कुमार जोशी के चार्ज में कुछ पत्रावलियां थीं। उसमें से 30 पत्रावलियां गायब थीं। पत्रावलियां खोजने के लिए टाइम भी दिया गया था पर वह खोज नहीं पा रहे थे। पीएफ और ग्रेज्युटी रिलीज करने के लिए एनओसी देनी पड़ती है। फाइलों के कारण एनओसी नहीं मिली थी। इस लिए उनका पीएफ और ग्रेज्युटी रुकी थी। डॉ. रिंकू श्रीवास्तव उप महाप्रबंधक हैं। राजेंद्र के घर नोटिस भेजे जाने की मुझे जानकारी नहीं है। राजेंद्र के आत्महत्या करने की जानकारी मिली है।