यूपी के इन दो जिलों के कई गांवों में रात में बिजली कटौती नहीं होगी, वन मंत्री की पहल पर तैयारी
यूपी के कई जिलों में इस समय बाघ, तेंदुआ और भेड़िया की दहशत छाई हुई है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित खीरी और बहराइच जिले हैं। यहां रात की बिजली कटौती नहीं करने की तैयारी जा रही है।
यूपी के कई जिलों में इस समय बाघ, तेंदुआ और भेड़िया की दहशत छाई हुई है। इनमें सबसे ज्यादा प्रभावित खीरी और बहराइच जिले हैं। यहां पर वन्यजीवों के हमले रोकने के लिए वन मंत्रालय ने पहल की है। इन दोनों जिलों में बाघ, तेंदुआ और भेड़िया प्रभावित गांवों को रात में बिजली कटौती से मुक्त रखने की तैयारी की जा रही है। यह वन राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण कुमार की पहल पर होने जा रहा है। उन्होंने दोनों जिलों के अफसरों को ऐसे गांवों को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।
बहराइच के महसी में खूनी भेड़ियों और दक्षिण खीरी के हमलावर बाघों का मामला लखनऊ तक पहुंच चुका है। एक दिन पहले ही वन मंत्री डॉ. अरुण कुमार ने दोनों जिलों के प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। साथ ही, वन अधिकारियों से हमले के कारणों की समीक्षा की। समीक्षा में यह सामने आया है कि वन्यजीवों का हमला सूरज ढलने के बाद ही होता है। रात के अंधेरे में ही खेतों से निकले वन्यजीव हमला करते हैं।
इसकी एक वजह गांवों में पसरा अंधेरा होता है। गांवों में अक्सर रात को बिजली कटती है और वन्यजीव अंधेरे का फायदा उठाकर हमला कर देते हैं। इन हालातों को देखते हुए वन मंत्री ने भेड़िया, बाघ व तेंदुआ प्रभावित गांवों को बिजली कटौती से मुक्त रखने का आदेश दिया है। इसके लिए वन विभाग के अफसरों से प्रस्ताव भेजने को कहा गया है।
खीरी में 20 व बहराइच के 50 गांवों में दहशत
दक्षिण खीरी के 20 गांव बाघ और तेंदुए से प्रभावित हैं। इनमें शारदानगर, गोला और महेशपुर रेंज के गांव शामिल हैं। दक्षिण खीरी में एक माह के अंदर वन्यजीवों के हमले में चार लोगों की मौत हुई है। मरने वालों में दो मासूम बच्चे, एक किसान और एक किशोरी शामिल हैं। ये सभी हमले तीनों रेंजों में हुए हैं। उधर, बहराइच जिले की महसी महसील में भेड़ियों की दहशत करीब 50 गांवों में है। ये गांव व मजरे आसपास ही बताए जा रहे हैं। यहां भेड़िए सात मासूमों की जान ले चुके हैं।
पहले बनेगी लिस्ट, फिर जाएगा प्रस्ताव
वन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉ. अरुण कुमार ने बताया कि वन विभाग प्रभावित गांवों की सूची तैयार कर जिला प्रशासन को देगा। जिला प्रशासन की ओर से बिजली कटौती न कराने का प्रस्ताव भेजा जाएगा। इस पर वन मंत्रालय की ओर से भी सिफारिश रहेगी। दक्षिण खीरी के डीएफओ संजय विश्वाल ने बताया कि गांव चिन्हित करने के बाद बिजली सप्लाई करने वाले फीडरों के जरिए सप्लाई का समय तय हो सकता है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।