Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़NGT serious instructions to form high power committee to stop pollution of Ganga Yamuna before Mahakumbh

महाकुंभ से पहले गंगा-यमुना का प्रदूषण रोकने के लिए NGT गंभीर, हाईपावर कमेटी बनाने के निर्देश

एनजीटी ने प्रयागराज में महाकुम्भ के दौरान गंगा-यमुना में स्नान योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित करने का आदेश दिया है।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, प्रयागराज विधि संवाददाताThu, 26 Sep 2024 09:30 PM
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राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने प्रयागराज में महाकुम्भ के दौरान गंगा-यमुना में स्नान योग्य पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी गठित करने का आदेश दिया है। साथ ही कमेटी से दो माह में गंगाजल की गुणवत्ता पर रिपोर्ट मांगी है। यह आदेश एनजीटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव, न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति अरुण कुमार त्यागी एवं विशेषज्ञ सदस्य डॉ ए सैंथल की पीठ ने अधिवक्ता सौरभ तिवारी की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। हाई पावर कमेटी में प्रदेश शासन के मुख्य सचिव अध्यक्ष और सचिव जलशक्ति मंत्रालय उप्र, सचिव एमओईएफ एवं सीसी, चेयरमैन सीपीसीबी, चेयरमैन उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सदस्य बनाए गए हैं।

अधिकरण ने कमेटी को महाकुम्भ के दौरान गंगाजल की गुणवत्ता पर विचार करने का निर्देश दिया है। कहा है कि गंदे नालों आदि का पानी बिना शोधित गंगा-यमुना में न गिरने पाए। अधिकरण ने सीपीसीबी को 10 स्थानों पर निरीक्षण कर प्रत्येक 15 दिन पर कमेटी को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कमेटी को दो माह में अपनी रिपोर्ट अधिकरण के समक्ष पेश करने को कहा है। अधिकरण ने कमेटी गठित करने से पहले संयुक्त समिति की 20 मई 2024 की रिपोर्ट पर विचार किया। इसके अनुसार प्रयागराज शहर के 44 नाले सीधे गंगा में जा रहे हैं। यहां कुल 81 नाले हैं, जो 289.97 एमएलडी सीवेज उत्सर्जित कर रहे हैं। 10 एसटीपी भी चल रहे हैं लेकिन उनकी शोधन क्षमता केवल 178.31 एमएलडी है। नतीजतन 73.80 एमएलडी गंदा पानी नदी में जा रहा है।

अधिकरण ने राज्य सरकार से समयबद्ध कार्ययोजना मांगी थी। डीएम प्रयागराज ने 19 सितंबर 2024 को रिपोर्ट प्रस्तुत कर कहा कि अब 39 नाले शोधित नहीं है। दो एसटीपी अगस्त 25 व फरवरी 26 तक चालू होंगे। एक और एसटीपी बनने में समय लगेगा। यह भी कहा कि कहा नाले बंद किए जाएंगे लेकिन इनका सीवेज कहां जाएगा, इसकी जानकारी नहीं दी। अनुमान है कि महाकुम्भ मेले में 25 करोड़ श्रद्धालु प्रयागराज आएंगे। इसलिए जल स्नान योग्य बनाया जाए और कमेटी इसके लिए गंभीर प्रयास करे।

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