केजीएमयू के मरीजों के लिए गुड न्यूज लेकर आया नया साल, 12 से 15 साल तक रहे भर्ती; अब मिली छुट्टी
- चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ऐसे मरीजों को अलग से डॉक्टर और नर्सिंग केयर मुहैया कराया जा रहा है। उनकी निगरानी के लिए सीनियर चीफ मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर अखिलेश त्रिपाठी को नामित किया गया है। बीते दिनों लावारिस मरीजों के निस्तारण के लिए विभागों से विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई थी।
Patients discharged from KGMU after years: यूपी की राजधानी लखनऊ के केजीएमयू में 12 से 15 साल तक भर्ती रहे तीन मरीजों के लिए नया साल गुड न्यूज लेकर आया। गुरुवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। इनको मानसिक स्वास्थ्य विभाग में भर्ती कर इलाज मुहैया कराया जा रहा था। केजीएमयू प्रशासन ने गुरुवार को इन मरीजों को अलग-अलग शेल्टर होम में शिफ्ट किया गया।
चिकित्सा अधीक्षक डॉ. सुरेश कुमार ने बताया कि ऐसे मरीजों को अलग से डॉक्टर और नर्सिंग केयर मुहैया कराया जा रहा है। मरीजों की निगरानी के लिए सीनियर चीफ मेडिकल सोशल सर्विस ऑफिसर अखिलेश त्रिपाठी को नामित किया गया है। बीते दिनों लावारिस मरीजों के निस्तारण के लिए विभागों से विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराई गई थी।
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अकेले मानसिक स्वास्थ्य विभाग में तीन मरीज सोनिया (15 वर्ष से भर्ती),अष्टम (12 वर्ष से भर्ती), सोनिया (03 माह से भर्ती) थे। न्यायालय के आदेश से इनको विधिक रुकावट के कारण शेल्टर हाउस अथवा स्वयंसेवी संस्था में भेजने में दिक्कत आ रही थी। मरीजों के मामले में विधिक राय ली गई। इसके बाद इन्हें केजीएमयू से शिफ्ट करने का फैसला लिया गया।
जिला दिव्यांग अधिकारी रजनीश किरन के सहयोग से इंदिरानगर के शेल्टर हाउस स्नेह वेलफेयर सोसाइटी की मैनेजर शुभा सिंह को इन मरीजों को सौंपा गया। अब अपने नए ठिकाने में ये मरीज घर जैसे वातावरण में रहेंगे। इतने सालों बाद मरीजों को अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के मौके पर उनकी ग्रुप फोटो भी कराई गई।
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