मुजफ्फरनगर : बच्चों की लंबी आयु की कामना को माताओं ने रखा अहोई का व्रत
महिलाओं ने संतान की रक्षा और दीर्घायु के लिए अहोई अष्टमी का पर्व मनाया। सुबह स्नान के बाद, महिलाओं ने अहोई माता की कहानी सुनी और पूजा की। उन्होंने गेहूं के दाने लिए और स्याऊ की माला पहनाई। शाम को व्रत...
महिलाओं ने संतान की रक्षा एवं दीर्घायु के लिए कार्तिक कृष्ण पक्ष की अष्टमी को अहोई अष्टमी का पर्व व्रत रखकर मनाया। सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर महिलाओं ने अहोई माता की कहानी सुनी। महिलाओं ने अपने घरों में पृथ्वी को पवित्र करके चौक पूरकर फिर दो दोगड़, मोली (नाला) बांधकर, रोली से सतिए बनाए। लोटे में जल भर कर अहोई के सामने रखा तथा अहोई माता का पूजन किया तथा हाथों में गेहूं के दाने लेकर अहोई माता की कहानी सुनी और अहोई माता को स्याऊ की माला पहनाई तथा अहोई के सामने पूजन करते हुए कपड़े आदि रखे। माताओं ने अपने बच्चों को नए कपड़े पहनाकर उन्हें तिलक लगाया। अहोई के दिन महिलाएं व्रत रखकर शाम को पूजन कर बायना निकालकर घर के बड़-बुजुर्गों को देकर उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं तथा आसमान में तारे देखकर व्रत को खोलती हैं।
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