तामसिकता जीवन में नकारात्मकता लाती है : योगतीर्थ महाराज
Muzaffar-nagar News - तीर्थनगरी शुकतीर्थ में तीन दिवसीय योग साधना शिविर का समापन रविवार को हवन यज्ञ के साथ हुआ। इस कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों और साधु संतों ने भाग लिया। ब्रह्ममूर्ति योगतीर्थ महाराज ने तामसिकता के...

मोरना। तीर्थनगरी शुकतीर्थ में चल रहे तीन दिवसीय योग साधना शिविर का रविवार को हवन यज्ञ के उपरांत समापन हो गया। समापन पर आयोजित कार्यक्रम में जनप्रतिनिधियों, साधु संतों व साधकों ने भाग लिया। शुकतीर्थ स्थित ध्यान योग एवं आयुर्वेद शोध संस्थान में शिविर के समापन पर हिमाचल से आए ब्रह्ममूर्ति योगतीर्थ महाराज ने कहा कि मनुष्य की प्रवृत्ति परिवर्तन की है। 25 वर्ष में वह प्रौढता में आने लगता है। अधिकतर लोग तामसिक हैं और तामसिकता जीवन में नकारात्मकता लाती है। तामसिक व्यक्ति अनेक अवगुणों में घिरा रहता है। मुख्य अतिथि उत्तराखण्ड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. दिनेशचंद्र ने कहा कि मनुष्य पर तीन ऋण हैं, माता पिता, गुरू व ऋषियों का ऋणी है। ऋषियों का ऋण संस्कृति को अपनाकर उसका प्रचार करके उतारा जा सकता है। इस अवसर पर महामण्डलेश्वर गोपालदास महाराज, भाजपा के क्षेत्रीय मंत्री अमित राठी, जगपाल वैद्य, कृपालदास महाराज, वैद्य ओमदेव महाराज, योगव्रत योगतीर्थ, शिवानन्द योगतीर्थ, कुश्ती कोच जितेन्द्र सिंह, कान्ता बहन, सतेन्द्र आर्य, मास्टर वेदपाल, सुरजीत सिंह, डॉ. बबलू वेदालंकार आदि उपस्थित रहे।
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