Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़मुजफ्फर नगरSevere Air Pollution and Fog Crisis Health Risks Rise in Muzaffarnagar

जहरीली हवा से बढ़ी बीमारी, मास्क लगाकर निकल रहे लोग

जहरीली हवा से बढ़ी बीमारी, मास्क लगाकर निकल रहे लोग

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फर नगरFri, 15 Nov 2024 06:23 PM
share Share

अचानक बदला मौसम का मिजाज और वायु प्रदूषण बढ़ने से लोगों की सांसों पर संकट आ गया है। सुबह से दोपहर तक कोहरा छाने के साथ लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। विशेषज्ञ मान रहे हैं कि कोहरे के साथ स्माग भी वातावरण को जहरीला बना रहा है, उधर एयर क्वालिटी इंडेक्स अधिक खराब श्रेणी में पहुंचने के बाद भी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम केवल एंटी स्माग गन और पानी के टेंकरों से छिड़काव के सहारे प्रदूषण कम करने की कवायद में लगे हैं। पिछले तीन दिनों से मुजफ्फरनगर शहर सहित जानसठ रोड, भोपा रोड और मंसूरपुर क्षेत्र में हवा अधिक जहरीली हो गई है। स्थानीय लोग बताते हैं कि आसपास के गांवों में अजीब की दुर्गंध रहती है और रातभर सांस लेने में तकलीफ होने लगी है। इसके बाद सुबह के समय घना कोहरा दिखाई दे रहा है, जो दोपहर 12 बजे तक भी साफ नहीं होता, लेकिन कोहरे में बाहर निकलने के दौरान सांस लेना दुर्भर रहता है। सिर भारी हो जाता है। इसके चलते कोहरे के साथ स्माग छाने के कारणों को अधिक देखा जा रहा है। इसके चलते लोग सुबह की सैर पर निकलने के लिए भी सौ बार सोचने लगे हैं। इतना ही नहीं सुबह सवेरे उठने वाले लोगों को भी ताजी हवा की बजाए प्रदूषणयुक्त हवा का अहसास हो रहा है, जिसके चलते खांसी की बीमारियां लोगों में बढ़ गई है। चिकित्सक लोगों को सुबह सैर नहीं करने की सलाह भी देने लगे हैं। पिछले कई दिनों से शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 से अधिक है, जो अधिक श्रेणी में पहुंच रहा है।

---

मजबूरी में मास्क लगाने लगे लोग

पिछले कई दिनों से वातावरण में स्माग छाने के बाद से लोगों ने मास्क का प्रयोग शुरू कर दिया है। सुबह के समय भी सड़कों पर निकल रहे लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। अधिकतर लोगों का मानना है कि वह मास्क लगाकर प्रदूषण से अपना बचाव कर रहे हैं। प्रदूषण में घुले 2.5 पीएम और 10.5 पीएम के कणों से बचने के लिए मास्क का प्रयोग किया जा रहा है।

---

फेफड़ों को खत्म कर रहा वायु प्रदूषण, बढ़ा रहा बीमारी

जिला अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता डा. योगेंद्र त्रिखा बताते हैं कि प्रदूषण बढ़ने से अस्थमा आदि रोग बढ़ रहा है, लेकिन फेफड़ों की बीमारी की समस्याएं सबसे ज्यादा है। उनका कहना है कि प्रदूषण से फेफड़ों के ऊतकों में सूजन आ जाती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो सकती है, जिससे श्वसन संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। सांस संबंधी लक्षणों में खांसी, बलगम आना, और घरघराहट होने की परेशानी मरीजों में रहती है। इससे अस्थमा और सीओपीडी जैसी बीमारियां हो सकती हैं। प्रदूषण से हृदय संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इस लिए कोहरा पड़ने पर सांस के मरीजों को कम बाहर निकलना चाहिए।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें