एमडीए का काम सिर्फ ध्वस्तीकरण व नोटिस तक सीमित
Muzaffar-nagar News - एमडीए का काम सिर्फ ध्वस्तीकरण व नोटिस तक सीमित
मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण में अवैध निर्माण कराने वालों को नोटिस देकर कमाई का धंधा बहुत पुराना है। इस खेल में वर्षों से एमडीए में जमे कई अवर अभियंता और अन्य अफसर के नाम भी आ रहे हैं। पिछले दिनों शहरी क्षेत्र में करीब 50 से बेसमेंट को चिन्हित किया गया था। इन बेसमेंट का प्रयोग मानक के विपरीत होना मिला, बावजूद इसके एमडीए ने किसी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की । मुजफ्फरनगर विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी है कि शहरी क्षेत्र में कोई अवैध निर्माण नहीं होने पाए। यदि कहीं पर अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में आता है तो संबंधित को नोटिस देकर जवाब मांगा जाता है। कंपाउंडिंग न होने पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाती है। एमडीए के आला अधिकारियों ने इसकी जिम्मेदारी के लिए जोन बना रखे हैं। हरेक जोन पर एक प्रभारी की नियुक्ति है। इसके अलावा अवर अभियंता भी क्षेत्रों में नियुक्त हैं। पिछले दिनों शहर में 50 से अधिक बेसमेंट को चिन्हित कर संबंधित को नोटिस जारी किया गया था। अधिकांश बेसमेंट का प्रयोग नियम विरुद्ध होता हुआ मिला। लेकिन एमडीए के स्तर पर इन बेसमेंट स्वामियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इतना ही नहीं मुजफ्फरनगर में महायोजना 2031 को अब सिर्फ शासन से मंजूरी मिलनी बाकी है लेकिन इसके विपरीत शहर के चारों तरफ कालोनियां बसाई जा रही है। इन पर ध्वस्तीकरण की कार्यवाही तब होती है जब इसकी कोई शिकायत करता है या फिर विभाग अधिकारी व कर्मचारियों की कालोनाइजरों से तालमेल नहीं बैठ पाती है। अभी तक अवैध कालोनाइजरों के खिलाफ एक भी मुकदमा दर्ज नहीं है। इस संबंध में एमडीए उपाध्यक्ष कविता मीणा का कहना है कि प्राधिकरण के स्तर पर अवैध कालोनियों के खिलाफ ध्वस्तीकरण की कार्यवाही लगातार की जा रही है। रहा सवाल बेसमेंट का, इस मामले में कईयों को नोटिस देकर इसमें मानचित्र स्वीकृत कराकर मानक व नियम के अनुरूप कार्य करने की हिदायत दी गई है। फिर भी इस मामले को दुबारा से जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी।
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