संस्कारशाला में बच्चों को बताया अच्छे गुणों का महत्व
Muzaffar-nagar News - संस्कारशाला में बच्चों को बताया अच्छे गुणों का महत्व
होली चाइल्ड पब्लिक इंटर कालेज के सभागार में बुधवार को बच्चों को स्कारवान बनाने के लिए संस्कारशाला कार्यक्रम का आयोजन किया। इस दौरान बच्चों को संस्कारवान बनने के लिए मार्गदर्शन दिया गया। संस्कारशाला कार्यक्रम का शुभारंभ हरिद्वार से पहुंचे स्वामी तेजसमुनि, प्रदीप त्यागी, रजनी शर्मा, योगाचार्य सतकुमार, आजाद सिंह व प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इसमें स्वामी तेजसमुनि ने विद्यार्थियों को संस्कारशाला के विषय में बताते हुए समझाया कि संस्कारशाला दो शब्द संस्कार और शाला से बना है, मन पर आदतों की छाप डालना ही संस्कार है। संस्कार दो प्रकार के होते है कुसंस्कार एवं सुसंस्कार। संस्कार का सम्बन्ध मन से है और मन भी दो प्रकार के होते है सु-मन (स्वस्थ मन) व कु-मन (अस्वस्थ मन) दोनों ही मन संस्कार बनाते है एक अच्छे संस्कार बनाता है और दूसरा बुरे संस्कार। बताया कि मन का सम्बन्ध पांच इन्द्रियों से है, मन इन्ही इन्द्रियों द्वारा आत्मा के बताये हुए कार्यों को कराता है। मन जड़ है तथा आत्म चेतन। छात्राओं को बताया कि हमेशा अपना अवलोकन करते रहना चाहिए। इस दौरान अन्य वक्ताओं ने भी बच्चों को संस्कारवान बनाने के लिए विचार रखे।
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