जबरन जेसीबी चलाने से काम बनेगा नहीं बिगड़़ेगा : चौ. नरेश टिकैत
--पानीपत-खटीमा हाईवे चौड़ीकरण को अधिग्रहित भूमि के मुआवजे की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन समाप्त...
पानीपत-खटीमा नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित की गई भूमि के मुआवजे के विवाद में तितावी के धौलड़ा गांव में चिरवा टिल्ला गोरखनाथ मंदिर में चल रहा किसानों का धरना एडीएम (प्रशासन) अमित सिंह के आश्वासन पर सामाप्त हो गया। हाल्रांकि चौधरी नरेश टिकैत ने प्रशासनिक अधिकारियों को जमकर नसीहत दी वहीं विधायकों के जिले के आला अधिकारी को नाम लेकर बुलाने पर तंज भी कसा। पानीपत-खटीमा नेशनल हाईवे के चौड़ीकरण के लिए अधिग्रहित भूमिपर कब्जा लेने के प्रयास में जिला प्रशासन का गुरुवार को किसानों से जमकर टकराव होने से बचा था। कई बार किसान और प्रशासन आमने सामने आ गए थे। इसी को लेकर चौधरी नरेश टिकैत ने शुक्रवार को तितावी के धौलडा क्षेत्र में गोरखनाथ मंदिर के पास पानीपत खटीमा हाईवे को जाम करने की घोषणा की थी। दिन में किसानों ने जाम लगा भी दिया था जिस पर प्रशासन ने मुजफ्फरनगर व शामली के बीच चल रहे यातायात को जाम कर दिया। जिला प्रशासन ने मुजफ्फरनगर शामली के बीच का यातायात चरथावल थानाभवन की ओर डायवर्ट कर दिया। दोपहर में चौधरी नरेश टिकैत धरनारत किसानों के बीच पहुंचे। यहां पर उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक बीघा में 80 कुंटल गन्ना होता है। प्रशासन 75 कुंटल को आधार मानकर अधिग्रहित भूमि पर गन्ने की फसल का अनुमान लगाकर मुआवजा दे दे। इसके अलावा नलकूप की गहराई, पेडो की मोटाई, शीशम का पेड है या आम का इसका आंकलन कर मुआवजा दे। उन्होंने कहा कि प्रशासन किसानों से छेड़ाछेड़ी न करें अन्यथा बात बिगड़ जाएगी। उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल जहां पर सडक चौडीकरण की बात हो रही है वहीं पर किसान बात करेंगे क्योंकि कहीं पर तीन मीटर की पट्टी है तो कहीं पर चार मीटर की। बाईपास के लिए अधिग्रहित भूमि पर प्रशासन छेड न करें। चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि जबरन जेसीबी चलाने से काम नही बनेगा बल्कि प्रशासन के लिए मुश्किल खडी हो जाएगी। --चौधरी टिकैत ने दी विधायकों व प्रशासनिक अधिकारियों को नसीहतमुजफ्फरनगर। चौधरी नरेश टिकैत ने कहा कि हम प्रशासन की बहुत इज्जत करते हैं लेकिन हमारा झुकाव किसानों की ओर ही रहेगा। उन्होंने कहा कि जिले के विधायकों में एक विधायक जिले के आला अधिकारी को नाम लेकर बुलाता है। यह बात ठीक नही हैं। हम सभी को बहुत इज्जत से बुलाते हैँ। उन्होंने विधायक की भाषा पर जमकर कटाक्ष किया। उन्होंने प्रशासन को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि जो किसी कारणवश किसी परिस्थिति के चलते किसी मुकदमे में बीस साल पहले आ गया आज प्रशासन उसको गोली मार रहा है। यह सही बात नही हैं। ऐसे लोगों को सुधरने का मौका दिया जाना चाहिए। यदि सहयोग नही करेंगे तो प्रशासन मुश्किल में आ सकता है। --काम शुरू कराने को 90 प्रतिशत भूमि पर कब्जा लेना जरूरी: एडीएममुजफ्फरनगर। एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने किसानों के धरने पर कहा कि अधिग्रहित की गई भूमि में जो पेड खडा है, मकान या कमरा बना है, नलकूप लगा है उसका मुआवजा किसान को दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि यदि किसी को कोई आपत्ति है कि उसे मुआवजा कम मिला है तो वह आपत्ति कर सकता है। उसका रीऐसेसमेंट करा लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस समय गन्ने की फसल ऐसी नही है कि कोल्हू पर जा सके जबकि चीनी मिल नवंबर में चलेगी। ऐसे में किसानों से अनुरोध है कि वह खुद ही अपनी फसल को काट ले। गौशाला में चारे के रूप में बेच सकते हैं या फिर अपने ही पशुओं के लिए चारे में इस्तेमाल कर सकते हैं। एडीएम ने स्पष्ट किया कि प्रशासन भूमि पर सहमति से कब्जा लेना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को 90 प्रतिशत भूमि पर कब्जा लेना ही होगा तभी इस पर एनएचएआई काम शुरू करेगा। चौधरी नरेश टिकैत ने भी माना कि हाईवे बनने से विकास होगा लेकिन उन्होंने कहा कि अधिकारियों को चाहिए कि किसानों की किसी भी हद तक जाकर मदद करें। एनएचएआई के पास बहुत धन है। इसलिए पूरा मुआवजा दिलाने में मदद करें। --जाम लगाने से प्रशासन में मचा हड़कंप मुजफ्फरनगर। भाकियू के मंडल महासचिव राजू अहलावत, जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान, सतेंद्र पुंडीर, धर्मेन्द्र मलिक, सुभाष मलिक, सचिन मलिक, सुदेश पंवार, अमरजीत, सन्नी, विपुल निर्वालय विकास सैनी, विकास शर्मा, सतीश भारद्वाज आदि ने किसानों के साथ जब दिल्ली शामली मार्ग जाम किया तो प्रशासन में हडकंप मचगया। हालांकि तब तक चौधरी नरेश टिकैत वहां नहीं पहुंचे थे। उन्होंने किसानों के बीच पहुंचते ही जाम समाप्त करा दिया। चौधरी टिकैत ने हाथ जोडकर लोगों को परेशानी होने पर खेद भी जताया। हमारे प्रधानमंत्री मुख्यमंत्री चौधरी नरेश टिकैत, राकेश टिकैत हैं: धीरज लाटियानमुजफ्फरनगर। भाकियू के जिलाध्यक्ष धीरज लाटियान का एक वीडियो गुरुवार की रात्रि का वायरल हो गया है। इसमें गोरखनाथ मंदिर में भाकियू जिलाध्यक्ष यह कहते हुए सुनाई दे रहे हैं कि हम शासन को नही मानते, मुख्यमंत्री को नही मानते, हमारे मुख्यमंत्री चोधरी नरेश टिकैत हैं राकेश टिकैत हैं यही हमारे प्रधानमंत्री हैं, हमारे यहां सरकार इनकी ही चलती है। इससे पूर्व वह शासन प्रशासन को भी चुनौती देते नजर आते हैं और कह रहे हैं कि चाहे हम पर गोली चलाओं लाठी चार्ज करो या फिर हमारी बात मानो।
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