हरिद्वार से छोड़े गए जल के चलते गंगा बैराज पर तीन फुट तक बढ़ा
हरिद्वार से छोड़े गए जल के चलते गंगा बैराज पर तीन फुट तक बढ़ा
तौकते तूफान के असर से पूरे वेस्ट यूपी में तो बारिश हुई लेकिन उत्तराखंड में भी जमकर पानी बरसा। ऐसे में गर्मियों में पानी के अभाव में सूख चुकी गंगा में हरिद्वार से दो दिनों में करीब 1.20 लाख क्यूसेक पानी छोडा गया तो बैराज के पास सूखी पडी गंगा की धारा में जल प्रवाह दिखाई देने लगा। जलीय जीव जंतु भी पानी आने से चहक उठे। इसी कारण बैराज पर गंगा का जलस्तर भी करीब 80 सेंटीमीटर बढ़ गया।
हैदरपुर वेटलैंड में झीलों में पानी सूखने लगा था। हरिद्वार की ओर से गंगा की मुख्य धारा में करीब दो हजार क्यूसेक पानी का ही डिस्चार्ज चल रहा था। गंगा बैराज के आसपास भी पानी न होने से बीच में टीले उभर आए थे। तौकते तूफान के असर से लगातार दो दिन बारिश हुई तो हरिद्वार से 21 मई को 82964 क्यूसेक पानी गंगा में छोडा गया। हालांकि बैराज के आसपास का गंगा का डूब क्षेत्र इतना सूख गया था कि बैराज से आगे हस्तिनापुर की ओर केवल 17729 क्यूसेक का ही डिस्चार्ज किया गया। 22 मई को भी हरिद्वार की ओर से 34150 क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज गंगा बैराज की ओर किया गया। हालांकि बैराज से 57960 क्यूसेक पानी आगे की ओर डिस्चार्ज किया गया। इससे पूर्व 18 से 20 मई तक गंगा में हरिद्वार से केवल दो हजार क्यूसेक पानी ही छोडा जा रहा था। हरिद्वार की ओर से छोडे गए जल के कारण 20 मई को गंगा बैराज पर जो जलस्तर 217.80 के स्तर पर था वह 80 सेंटीमीटर बढकर 22 मई को 218.60 हो गया है। गंगा की धारा में पानी आने से गंगा किनारे लगाई गई प्लेज को भी नुकसान होने का अनुमान है। इससे पूर्व मई माह में पहले इतना पानी गंगा में नही आता था।
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