Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़Municipality filed FIR after police post land in Sambhal was declared Waqf land AIMIM chief asaduddin Owaisi had claimed

संभल में पुलिस चौकी वाली जमीन वक्फ की बताने पर नगरपालिका ने कराई FIR, ओवैसी ने किया था दावा

  • संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने खाली भूमि पर बन रही पुलिस चौकी वक्फ की जमीन पर नहीं बन रही है। डीएम द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति ने इसका खुलासा किया है। एआईएमआईएम प्रमुख अससुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ की जमीन पर पुलिस चौकी बनाए जाने का दावा किया था।

Dinesh Rathour हिन्दुस्तान, संभल, कार्यालय संवाददाताFri, 3 Jan 2025 10:00 PM
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यूपी के संभल में शाही जामा मस्जिद के सामने खाली भूमि पर बन रही पुलिस चौकी वक्फ की जमीन पर नहीं बन रही है। डीएम द्वारा तीन सदस्यीय जांच समिति ने इसका खुलासा किया है। एआईएमआईएम प्रमुख अससुद्दीन ओवैसी ने भी वक्फ की जमीन पर पुलिस चौकी बनाए जाने का दावा किया था। इस मामले में नगर पालिका की ओर से एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है। कोतवाली में डीएम डा. राजेंद्र पैंसिया व एसपी कृष्ण कुमार विश्नोई ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सपा प्रतिनिधिमंडल ने जो वक्फनामा को दिया था, वह जांच में फर्जी निकला। वक्फनामा के आधार पर ग्राम बिछौली से शेर खां सराय के बीच चार किमी दायरे की हजारों बीघा भूमि को वक्फ का बताया गया था। जबकि उक्त संपत्ति का कोई मालिक नहीं है। अब इनके खिलाफ विधिक व वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।

एसपी विश्नोई ने बताया कि जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात में मुकदमा दर्ज किया गया है। वक्फनामा में आने वाली सभी संपत्तियों की जांच की जाएगी। फर्जी वक्फनामा का भी वेरीफिकेशन कराया जाएगा। डीएम डा. पैंसिया ने बताया कि 30 दिसंबर को सपा प्रतिनिधिमंडल ने जामा मस्जिद के सामने बन रही पुलिस चौकी की भूमि को वक्फ की बताते हुए दस्तावेज दिए थे। उर्दू में लिखे इस अनरजिस्टर्ड वक्फनामा का अनुवाद भी संलग्न किया गया था। इसमें 20 बिंदु शामिल थे। इसके मुताबिक उत्तर दक्षिण व पूर्व पश्चिम की चौहद्दी के बीच की संपत्ति वक्फ की है।

23 अगस्त 1929 को मोहम्मद अब्दुल शमद, निवासी मोहल्ला कोट संभल का जिक्र था। उस समय संभल मुरादाबाद का हिस्सा था। इसमें क्रम संख्या एक से 20 तक जो संपत्तियां हैं उनका भौतिक निरीक्षण और अभिलेखीय परीक्षण त्रिसदस्यी समिति ने किया है। डीएम ने बताया कि त्रिस्तरीय समिति में एसडीएम वंदना मिश्रा, सीओ अनुज चौधरी व ईओ डा. मणिभूषण तिवारी शामिल रहे। जांच में वक्फनामा पूरी तरह से फर्जी निकला।

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