Hindi Newsउत्तर प्रदेश न्यूज़mother stopped two non stop train from delhi to etawah for her daughter this is how the estranged family met

दिल्‍ली में छूटी मां ने बच्‍ची के लिए इटावा में रुकवाई दो नॉन स्‍टॉप ट्रेन, ऐसे मिला बिछड़ा परिवार

  • दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छूटी मां ने रेलवे अफसरों से मदद मांगी तो नॉन स्टॉप ट्रेन को इटावा में रुकवाया गया। उधर, दूसरी नॉन स्टॉप ट्रेन से मां इटावा पहुंची। इस ट्रेन को भी इटावा में रोका गया। दिल्‍ली स्‍टेशन पर बिछड़ा परिवार इटावा स्‍टेशन पर एक-दूसरे से मिल गया।

Ajay Singh हिन्दुस्तानSun, 5 Jan 2025 01:09 PM
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Non stop train stopped: अपनी दो साल की बच्‍ची के लिए एक मां ने दिल्‍ली से इटावा में दो नॉन स्‍टॉप ट्रेन रुकवा दीं। इस बच्‍ची को लेकर गलत ट्रेन में चढ़े मानसिक रूप से बीमार उसके पिता को अहसास ही नहीं था कि वह कहां जा रहा है। दिल्ली रेलवे स्टेशन पर छूटी मां ने रेलवे अफसरों से मदद मांगी तो नॉन स्टॉप ट्रेन को इटावा में रुकवाया गया। उधर, दूसरी नॉन स्टॉप ट्रेन से मां इटावा पहुंची। इस ट्रेन को भी इटावा में रोका गया। इस तरह दिल्‍ली स्‍टेशन पर बिछड़ा परिवार इटावा स्‍टेशन पर एक-दूसरे से मिल गया। यहां लिखापढ़ी के बाद परिवार को रवाना कर दिया गया। इस घटनाक्रम के चलते दूरंतो 5 मिनट तथा स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस 6 मिनट खड़ी रही।

बिहार के मधुबनी निवासी नकीर उल हसन को पत्नी गुलफ शाह और दो साल की बेटी और रिश्तेदार रिजवान के साथ गाड़ी संख्या 12562 स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस से मधुबनी जाना था। ये लोग दिल्ली स्टेशन पर आए थे। इसी बीच गाड़ी संख्या 12276 प्रयागराज दूरंतो एक्सप्रेस आ गई। जिसमें नकीर उल हसन बेटी को लेकर सवार हो गया। पत्नी उनको गलत ट्रेन में चढ़ते देख रोकने लगी लेकिन तबतक ट्रेन रवाना हो चुकी थी।

गुलफ शाह ने रेलवे अफसरों को बताया कि पति मानसिक तौर पर बीमार है। यात्रियों ने रेलवे के ट्विटर और रेल मदद पर शिकायत दर्ज कराई। कंट्रोल की सूचना पर दुरंतो एक्सप्रेस को स्टॉपेज न होने के बावजूद इटावा जंक्शन पर सुबह 9:18 बजे रोका गया। ट्रेन के रुकते ही आरपीएफ के एसआई हीराचंद मीना महिला हेड कांस्टेबल पुष्पा के साथ पहुंचे और नकीर और बच्ची को ट्रेन से उतारकर आरपीएफ पोस्ट लाए।

तीन घंटे बाद गाड़ी संख्या स्वतंत्रता सेनानी से गुलफशाह आई, तब इस नॉनस्टाप ट्रेन को दोपहर 12:16 बजे इटावा जंक्शन पर रोका गया। लिखापढ़ी के बाद परिवार को इसी ट्रेन से रवाना कर दिया गया।

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