स्कूली बच्चे जान जोखिम में डालकर लकड़ी के पुल से गुजरने को मजबूर
Moradabad News - बिकनपुर में रामगंगा नदी की एप्रोच कट जाने से ग्रामीणों ने लकड़ी का अस्थाई पुल बनाया है। अगस्त में आई बाढ़ के बाद पुल की एप्रोच पांच महीने से नहीं ठीक हुई है, जिससे दो दर्जन गांवों का आवागमन बाधित है।...
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मूंढापांडे क्षेत्र के गांव बिकनपुर के पास बने रामगंगा नदी में पहाड़ी इलाकों का पानी आने से पुल की एप्रोच पांच माह पूर्व कट गई। लेकिन इतना समय बीतने के बाद भी अब तक कटी एप्रोच दुरुस्त नहीं हो पाई है। इस पुल से दो दर्जन गांवों का रास्ता है,पुल का काम न होने से ग्रामीणों ने मजबूरन लकड़ी का अस्थाई पुल तैयार किया है। इसी पुल से स्कूली बच्चों व ग्रामीणों को गुजरना पड़ रहा है। रवि कुमार, रामकिशोर लोधी, मोहम्मद इरफान ने बताया कि अट्ठारह अगस्त को रामगंगा नदी में आए बाढ़ के पानी से पुल की एप्रोच कटनी शुरू हो गई थी,जिसकी जानकारी जिले के अधिकारियों को दी गई, अधिकारी मौके पर तो पहुंचे मगर ऐहतियातन तौर कोई ठोस कदम नहीं उठाया जिसके चलते बीस अगस्त को पुल की एप्रोच पुरी तरह से कट गई, एप्रोच कटने से लगभग दो दर्जन से अधिक गांवों का आवागमन बंद हो गया।
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पीतलनगरी से गोविंदपुर कलां वाले मार्ग की बाढ़ के पानी से टूटी थी पुलिया
मुरादाबाद पीतलनगरी से गोविंदपुर कलां को जाने वाले मार्ग की पुलिया बाढ़ के पानी के तेज़ बहाव के चलते टूट गई थी, पुलिया गोविंदपुर कलां गांव के पास बनी थी, उसके टूटने पर मुरादाबाद में काम करने वाले क्षेत्र वासी मनकरा जर्जर मार्ग से होकर अपने घरों को जाते थे, क्षेत्र ने कहा कि हमें कई किलोमीटर ज्यादा सफ़र तय करके जाना पड़ता था, ऊपर से मनकरा रौंडा झौंडा मार्ग की हालत बद से बदतर थी, हमें एक घंटा पहले ही काम छोड़कर घर जाने की तैयारी करनी पड़ती थी, समय रहते हुए रामगंगा नदी बिकनपुर का कार्य हो जाए तो सहूलियत हो जाएगी।
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क्षेत्रवासियों ने बनाया लकड़ी का पुल
शोभित कुमार,कोमल सिंह, अंकित,करन सिंह,शिवा, सुरेश, नन्हें सिंह ने मिलकर बिकनपुर पुल की एप्रोच कटने के बाद से क्षेत्र वासियों के लिए और स्कूली बच्चों के स्कूल आने जाने के लिए एक लकड़ी का पुल बनाया, क्षेत्रवासी कहते हैं कि इस लड़की के पुल से मोटर साइकिल खेतों में काम करने वाले किसानों का आना जाना रहता है,कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों से पुल की एप्रोच के काम को जल्द कराने के लिए लिखित में दे चुके हैं, पर अधिकारी सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।
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रामगंगा नदी में डूबीं पांच महिलाओं को विशाल ने बचाया था एक छात्रा व महिला की डूबने से हुई थी मौत
गतौरा, मिलक लोधीपुर, गोविंदपुर कलां,दौलतपुर अजमतपुर, मोहम्मदपुर गांव के ग्रामीणों ने पीतलनगरी मनकरा से रौंडा होते हुए अपने घरों को जाना शुरू किया, किसानों ने अपनी जान जोखिम में डालकर बैलगाड़ी से नदी पार कर पशुओं के लिए चारा लाने के लिए खेतों पर पहुंचे कुछ ग्रामीण तो नदी तैरकर पार कर जंगलों में पहुंचे,
लोधीपुर वासु के ग्रामीण का कहना है कि बिकनपुर रामगंगा नदी पुल की एप्रोच कटने के बाद आठ नवंबर को गांव की महिलाएं अपने पशुओं के लिए हरा चारा लेने के लिए जंगल जा रही थी जब वह रामगंगा नदी पार कर रही थी तो वह नदी के पानी के तेज़ बहाव में वह गईं शोर शराबे की आवाज सुनकर नदी में डूब रही पांच महिलाओं को विशाल ने अपनी जान पर खेलकर बचा लिया, जबकि छात्रा मोनिका, कांति देवी के शव दो दिन बाद दो किलोमीटर दूरी पर मिले थे, अधिकारी अगर सतर्क रहते तो पुल की एप्रोच कटने से पहले कड़े इंतज़ाम कर देते, जिससे एक छात्रा और महिला की जान नहीं जाती।
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