नवगीत कवियत्री शांतिसुमन के निधन पर शोक
मुरादाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। मुजफ्फरपुर (बिहार) निवासी नवगीत कवियत्री शांतिसुमन के निधन से मुरादाबाद के साहित्यकारों
मुजफ्फरपुर (बिहार) निवासी नवगीत कवियत्री शांतिसुमन के निधन से मुरादाबाद के साहित्यकारों में शोक है। शांतिसुमन पिछले कई महीनों से अस्वस्थ थीं और पटना के अस्पताल में भर्ती थीं। उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांस ली। इस मौके पर कहा कि 15 सितंबर 1944 को जन्मी शांतिसुमन का जाना हिंदी गीत-नवगीत की बड़ी क्षति है। उनके लगभग 19 मौलिक संग्रह प्रकाशित हुए। बिहार राष्ट्रभाषा परिषद पटना से साहित्य-सेवा सम्मान और बिहार सरकार के राजभाषा विभाग से महादेवी वर्मा सम्मान से सम्मानित एवं पुरस्कृत शांतिसुमन के निधन पर मुरादाबाद की साहित्यिक संस्थाओं अक्षरा व हस्ताक्षर की ओर से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। नवगीतकार योगेंद्र वर्मा ‘व्योम ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बताया कि शांतिसुमन हिंदी नवगीत की ऐसी प्रथम पांक्तेय कवियत्री थीं, जिन्होंने परंपरागत गीत-सृजन के साथ-साथ नवगीतों में हमेशा सर्वहारा की, विसंगतियों की बात की। साहित्यिक संस्था अक्षरा एवं हस्ताक्षर की ओर से बालसुंदरी तिवारी, डॉ. मक्खन मुरादाबादी, डॉ. अजय अनुपम, योगेंद्र वर्मा ‘व्योम, डॉ. कृष्ण कुमार नाज, जिया जमीर, डॉ. प्रेमवती उपाध्याय, विवेक निर्मल, रामदत्त द्विवेदी, राजीव प्रखर, डॉ. पूनम बंसल, डॉ. मनोज रस्तोगी, मनोज मनु, मयंक शर्मा, दुष्यंत कुमार, राहुल शर्मा, मीनाक्षी ठाकुर आदि मौजूद रहीं।
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