बोले मुरादाबाद : सौंदर्यीकरण हो पर बिना तोड़फोड़
Moradabad News - जीएमडी रोड के व्यापारी नगर निगम द्वारा अतिक्रमण अभियान से नाराज हैं। उनका आरोप है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है और रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। व्यापारी विकास कार्य के लिए नगर निगम से सहमति...
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जीएमडी रोड के व्यापारियों में अतिक्रमण अभियान को लेकर खासा आक्रोश है। उन्होंने आरोप लगाया कि अतिक्रमण के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। उनमें नगर निगम के खिलाफ जबरदस्त गुस्सा है। वह अब आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं। उनका कहना है कि रोजी-रोटी किसी भी कीमत पर छिनने नहीं देंगे। शहर विधायक रितेश गुप्ता से भी लगातार बातचीत चल रही है। व्यापारियों ने चेताया कि बिना सहमति कार्रवाई हुई तो अंजाम बुरा होगा। आंदोलन के लिए पूरा मन बना लिया गया है। नगर निगम बिना तोड़फोड़ के जीएमडी रोड का विकास कार्य कराए तो हम पूरी तरह से साथ हैं। व्यापारियों का कहना है कि दुकान और मकानों के आगे लाल और काले निशान लगा दिए जाते हैं। प्रभावशाली लोगों के प्रतिष्ठानों से लाल निशान मिटा भी दिए जाते हैं। इस प्रकार का व्यवहार आखिरकार आम व्यापारियों के साथ क्यों। व्यापारी जीएमडी रोड के सौंदर्यीकरण के खिलाफ नहीं हैं, मगर बिना किसी तोड़फोड़ के।
जो भी कार्य किया जाए वह व्यापारियों की आपसी सहमति से ही होना चाहिए। जिस प्रकार दुकानों पर लाल निशान लगाए गए हैं उससे तो बड़ी संख्या में व्यापारियों के कारोबार पूरी तरह से छिन जाएंगे। उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा। नगर निगम प्रशासन को भी व्यापारियों की बात सुनते हुए विकास का रास्ता निकालना चाहिए। ज्यादातर व्यापारियों के पास दुकान और मकानों की रजिस्ट्रियां हैं। उनके द्वारा किसी भी प्रकार का अतिक्रमण नहीं किया गया है। जिस जमीन को बाकायदा पैसे देकर खरीदा गया है उसे सौंदर्यीकरण के नाम पर नगर निगम को कैसे दे दिया जाए। यथास्थित के आधार पर ही नगर निगम को जीएमडी रोड का विकास कराना चाहिए। या फिर लाइनपार की तर्ज पर बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए, जिससे जीएमडी रोड का सौंदर्यीकरण भी हो जाए और व्यापारियों को कोई नुकसान भी न हो। नगर निगम द्वारा तानाशाही पूर्वक रवैया अख्तियार करते हुए अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बाजार बंदी से लेकर धरना-प्रदर्शन किए जाएंगे। यही नहीं जरूरत के आधार पर शासन तक मजबूती के साथ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। उग्र आंदोलन किया जाएगा। इसके लिए सभी व्यापारियों ने पूरी तरह से मन बना लिया है। व्यापारी अपनी एक इंच भी जमीन निगम को नहीं देगा। दुकानों के शटर के बाहर नगर निगम कुछ भी कर सकता है। शटर के बाहर विकास कार्य करने पर व्यापारी नगर निगम के साथ मजबूती के साथ खड़ा होगा।
जीएमडी रोड पर लगे बिजली पोलों के कारण अक्सर लग जाता है जाम
मुरादाबाद। व्यापारियों का कहना है कि जीएमडी रोड पर आए दिन जाम लगने के कारण कारोबार चौपट हो गए हैं। इसका सबसे बड़ा कारण सड़क पर बेतरतीब तरीके से लगे बिजली के पोल हैं। नगर निगम अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों का उत्पीड़न करने तो आ जाता है, मगर बिजली पोलों के कारण लगने वाले जाम को भूल जाता है। अधिकारी भी इस सड़क से गुजरते हैं, मगर सभी नजरें बचाकर निकल जाते हैं। इसके अलावा आबकारी भवन के पास सड़क काफी संकरी हो गई है। इस दीवार को यदि कुछ पीछे कर दिया जाए तो जाम की समस्या से काफी हद तक छुटकारा मिल सकता है।
हैलेट रोड के व्यापारियों ने बनाई आगे की रणनीति
मुरादाबाद। हैलेट रोड के व्यापारियों को आवंटित दुकानों का एग्रीमेंट नए सिरे से कराए जाने को लेकर व्यापारियों में आक्रोश है। शनिवार को बड़ी संख्या में व्यापारी ताड़ीखाना स्थित महाराजा होटल में एकत्र हुए। सभी का एक स्वर में कहना था कि नगर निगम प्रशासन उत्पीड़न करने पर उतारू है। दुकानों का एग्रीमेंट 1985 में किया गया था। वह भी 99 साल के लिए। अब पूरे इलाके में नगर निगम एनाउंसमेंट करके व्यापारियों का उत्पीड़न कर रहा है। रोजगार छिनने और रोजी-रोटी का संकट होने की आशंका में कुछ व्यापारियों की हालत भी खराब होने लगी है। एक व्यापारी को तो अस्पताल भी ले जाना पड़ा। उनका कहना है कि अब उत्पीड़न नहीं सहेंगे। जरूरत पड़ी तो अदालत का सहारा भी लिया जाएगा। इस दौरान संजय सहगल, सुमित सहगल, डाक्टर एके सोती, पंकज गुप्ता, शादाब अहमद, मुकेश कुमार, बब्बन भाई, सुरेश चंद्र गुप्ता, सुरेंद्र सिंह सोडी, सुबल दास समेत बड़ी संख्या में व्यापारी मौजूद रहे।
आए दिन खोदाई से लगता है जाम
मुरादाबाद। जीएमडी रोड के व्यापारियों का दर्द पीड़ादायक है। आए दिन सड़क की जगह-जगह खोदाई होने व स्मार्ट सिटी का मलबा फैला होने से व्यापारियों को भीषण जाम से जूझने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इससे कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। त्योहारी सीजन में यह समस्या और विकराल हो जाती है। पानी की पाइप लाइन फटने से तो इस रोड के व्यापारियों के सामने रोजी-रोटी का संकट तक खड़ा हो गया है। खास बात यह कि सब कुछ जानते हुए भी जिम्मेदार पूरी तरह से अंजान बने रहते हैं। शिकायत करने के लिए कार्यालय जाओ तो नगर निगम के अधिकारी मिलना तक पसंद नहीं करते हैं। व्यापारी मोहित अरोड़ा, नीरज ग्रोवर, अमित अरोड़ा का कहना है कि स्मार्ट सिटी का मलबा पूरी जीएमडी रोड पर जगह-जगह पड़ा हुआ है। इससे टकराकर बच्चे व बुजुर्ग गिरकर चोटिल हो रहे हैं। इसके अलावा ट्रैफिक का दबाव थोड़ा बढ़ते ही सड़क पर यातायात व्यवस्था ध्वस्त हो जाती है। मलबे को हटवाने के लिए नगर निगम व स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से लिखित व मौखिक रूप से शिकायत भी की जा चुकी है,मगर जिम्मेदार बेपरवाह बने हुए हैं। धूल के गुबार से फेफड़े छलनी हो रहे हैं। सर्दियों में थोड़ी राहत है। मौसम बदलते ही दुकानों पर साफ-सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को लगाना मजबूरी बन जाता है। पूरी दुकान धूल से पट जाती है। आए दिन जाम के कारण कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। सुबह दुकान खोलते हैं और शाम को बिना बिक्री के घरों को लौट जाते हैं। नगर निगम व स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को भी व्यापारियों पीड़ा को समझना चाहिए।
सुझाव
1. व्यापारियों की सहमति से ही जीएमडी रोड का सौंदर्यीकरण किया जाए।
2. बिना किसी तोड़फोड़ के ही जीएमडी रोड का विकास कार्य कराया जाए।
3. ऐसा रास्ता निकाला जाए जिससे व्यापारियों को नुकसान न हो।
4. आबकारी भवन की दीवार को थोड़ा पीछे कर दिया जाए तो जाम से मुक्ति मिल जाएगी।
5. जीएमडी रोड पर जाम का कारण बन रहे विद्युत पोलों को हटाया जाए।
6. लाल निशान लगाने से लेकर सौंदर्यीकरण में भेदभाव न किया जाए।
7. नौ मीटर में जीएमडी रोड का विकास कार्य कराया जाए।
8. जहां अतिक्रमण है वहां व्यापारी खुद निगम संग आगे रहेंगे।
शिकायतें
1. तोड़फोड़ होने से बड़ी संख्या में व्यापारियों का रोजगार छिन जाएगा।
2. व्यापारियों के सामने रोजी और रोटी का संकट खड़ा हो जाएगा।
3. ज्यादातर दुकानें तीन से चार मंजिल बनी हुई हैं। इन्हें तोड़ा जाएगा तो नुकसान होगा।
4. तोड़फोड़ से पूरा प्रतिष्ठान ही नए सिरे से बनाना पड़ेगा।
5. जीएमडी रोड पर बिजली पोलों से आए दिन जाम लगता है। इसका निवारण हो।
6. आए दिन अतिक्रमण के नाम पर उत्पीड़न से व्यापारी आजिज आ गए हैं।
7. प्रतिष्ठानों पर लाल निशान लगाए जाने में भेदभाव न हो।
8. प्रभावशाली लोगों के प्रतिष्ठानों से लगाए गए निशानों को मिटा दिया गया।
हमारी भी सुनें
अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम व्यापारियों का उत्पीड़न करने पर उतारू है। लाल और काले निशान लगाने में भी भेदभाव पूर्ण कार्य किया गया। रातों रात निशान मिटा दिया गया।
-राजीव बंसल, अध्यक्ष व्यापार मंडल
व्यापारी शहर के विकास के पक्षधर हैं। नगर निगम टीम का सहयोग भी करेंगे। मगर सौंदर्यीकरण का कार्य बिना किसी तोड़फोड़ के किया जाना चाहिए।
-विक्रम धवन, व्यापारी
बिना किसी तोड़फोड़ के लिए जीएमडी रोड का विकास कराया जाना चाहिए। 12 के स्थान पर नौ मीटर में ही सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाना चाहिए। उत्पीड़न अब बर्दाश्त नहीं होगा।
-कपिल खन्ना, खन्ना ट्रेडर्स
आए दिन अतिक्रमण के नाम पर उत्पीड़न से व्यापारी आजिज आ चुके हैं। व्यापारी जीएमडी के सौंदर्यीकरण के खिलाफ नहीं हैं। अतिक्रमण के नाम पर तोड़फोड़ के खिलाफ हैं।
-सनी धवन, व्यापारी
यथा स्थित बनाए रखते हुए ही जीएमडी रोड का विकास कार्य कराया जाना चाहिए। ऐसा हो कि विकास भी हो जाए और व्यापारियों का नुकसान भी न हो।
-अनिल कुमार बजाज, व्यापारी
व्यापारी जीएमडी रोड के सौंदर्यीकरण के खिलाफ नहीं है। वह तो अतिक्रमण के नाम पर आए दिन किए जा रहे उत्पीड़न के खिलाफ है। अब इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
-राघव अग्रवाल, गारमेंट व्यापारी
अतिक्रमण के नाम पर नगर निगम व्यापारियों का उत्पीड़न करने पर आमादा है। अब व्यापारी आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। ज्यादातर के पास रजिस्ट्रियां उपलब्ध हैं।
-सुरेश कुमार शर्मा, फुटवियर व्यापारी
महानगर के व्यापारी शहर के विकास के पक्षधर हैं। मगर तोड़फोड़ के बिना। जीएमडी रोड पर ज्यादातर व्यापारियों के पास रजिस्ट्रियां मौजूद हैं। अब अतिक्रमण के नाम पर शोषण सहा नहीं जाएगा।
-मोहित अरोड़ा , व्यापारी
यथास्थित में जीएमडी रोड का सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाना चाहिए। दुकान की शटर के बाहर नगर निगम विकास कार्य करने के लिए स्वतंत्र है। व्यापारियों का शोषण अब नहीं सहेंगे।
-मनीष मदान, क्राकरी व्यापारी
जीएमडी रोड का विकास कार्य कराया जाना चाहिए, मगर बिना किसी तोड़फोड़ के। व्यापारियों की सहमति के आधार पर ही सौंदर्यीकरण का कार्य कराया जाना चाहिए।
-आशीष सुखीजा, व्यापारी
कभी लाल निशान तो कभी अतिक्रमण के नाम पर व्यापारियों को परेशान किया जा रहा है। इससे व्यापारियों को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है। यथास्थित बनाए रखते हुए विकास हो।
-मोहम्मद शादाब, व्यापारी
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