कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं, डरने की कोई जरूरत नहीं
टीएमयू के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज ने कुष्ठ रोग जागरूकता पर कार्यशाला आयोजित की। मुख्य वक्ता तंजील खान ने बताया कि कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है और इसका सही इलाज संभव है। कार्यशाला में छात्रों ने नाटक...
टीएमयू के कॉलेज ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज की ओर से कुष्ठ रोग जागरूकता पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें ससाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन के मुख्य वक्ता तंजील खान ने कहा कि कुष्ठ रोग लाइलाज नहीं है, इससे डरने की कोई जरूरत नहीं है। ठीक से इलाज किया जाए तो इसका निवारण संभव है। यह एक जीवाणु जनित रोग है, जो माइकोबैक्टीरियम लैप्राई के कारण होता है। ससाकावा इंडिया लेप्रोसी फाउंडेशन कुष्ठ रोगियों के लिए शिक्षा, आवास आदि के लिए कार्य करती है। कार्यशाला की थीम जनता से नवाचार रही। इससे पहले मुख्य वक्ता तंजील खान, पैरामेडिकल के प्राचार्य प्रो. नवनीत कुमार, एचओडी डॉ. रूचिकांत, डॉ. अर्चना जैन आदि ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारंभ किया। कार्यशाला में मेडिकल लैबोरेटरी तकनीक विभाग के छात्रों ने नाटक के जरिए कुष्ठ रोग से जुड़े मिथकों के बारे में जागरूक किया। नाटक में स्टुडेंट्स प्रशांत, आशीष, नंदिनी, मोहम्मद कैफ, मीनाक्षी, कुलसुम, आदित्य, दीपिका, निशिता, शिवम, कार्तिक, मयंक, अनुराग, बुशरा, महक, मुज्जबिल और मनजीत कौर ने प्रतिभाग किया। वर्कशॉप में अमित बिष्ट, योगेश कुमार, बैजनाथ दास, शिखा पालीवाल, वर्षा राजपूत, साक्षी बिष्ट, शिवम अग्रवाल आदि मौजूद रहे।
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