Hindi NewsUttar-pradesh NewsMoradabad NewsRaised two time loaves of families battling Corona

कोरोना से जूझ रहे परिवारों की दो वक्त की रोटी का उठाया जिम्मा

Moradabad News - कोविड के इस दौर में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। गैरों के साथ भी अपनों से बढ़कर रिश्ते निभा रहे हैं। शहर की दो महिलाओं ने...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादMon, 19 April 2021 07:00 PM
share Share
Follow Us on
कोरोना से जूझ रहे परिवारों की दो वक्त की रोटी का उठाया जिम्मा

कोविड के इस दौर में कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो मानवता की मिसाल पेश कर रहे हैं। गैरों के साथ भी अपनों से बढ़कर रिश्ते निभा रहे हैं। शहर की दो महिलाओं ने कुछ ऐसी ही मिसाल पेश की है। इनमें गौरी जैन और पूनम जैन शामिल हैं।

कोरोना से जूझ रहे परिवार को दो वक्त की रोटी देने का इन महिलाओं ने जिम्मा उठाया है। इसमें इनका परिवार भी कंधे से कंधा मिलाकर इनका साथ दे रहा है। जैन समाज से जुड़ीं इन महिलाओं ने कोविड-19 से जूझते हुए परिवारों की समस्या को देखते हुए इस सेवा की शुरुआत की है। जिन परिवारों के सभी सदस्य कोरोना से संक्रमित हैं और खुद के लिए और पूरे परिवार के लिए भोजन बनाने में असमर्थ हैं, उनको पूरा सहयोग किया जा रहा है। इस सेवा के तहत सुबह और रात का भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। दिन के खाने में रोटी, सब्जी, दाल, चावल, सलाद को शामिल किया गया है। जबकि रात के खाने में रोटी, दो तरह की सब्जी और सलाद शामिल है।

साफ सफाई का रखा जा रहा है विशेष ध्यान

इस कार्य की संयोजिकाओं का कहना है कि इस कार्य में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। खाना बनाने के लिए चार महिलाओं की टीम है। कम तेल और मसालों का उपयोग करते हुए भोजन को काफी हेल्दी बनाया जा रहा है। साथ ही इसे डिस्पोजल में रखकर इन महिलाओं के बच्चे ही डिलीवरी करने में उनका हाथ बंटा रहे हैं।

कोरोना बीमारी से जूझने वाले परिवार में यदि सभी को संक्रमण हो गया तो खाने को लेकर बहुत मुसीबत होती है। इस मुश्किल को हमने बहुत करीब से महसूस किया है। ऐसे संकट की घड़ी में हम ऐसे परिवारों की मुसीबत कुछ कम कर सकें, इसी उद्देश्य से दो वक्त भोजन देने का कार्य शुरू किया गया है।

पूनम जैन, समाजसेवी

जिन घरों में पूरा परिवार संक्रमित हो गया है। उन घरों की महिलाएं भी खाना नहीं बना पा रही हैं, उन्हीं लोगों के लिए यह सर्विस शुरू की गई है। भोजन बनाने में हाईजीन का विशेष ध्यान दिया जा रहा है। घर का आटा, तेल, मसालों का उपयोग किया जा रहा है। मरीजों का ध्यान रखते हुए कम मिर्च-मसालों का उपयोग किया जा रहा है।

गौरी जैन, समाजसेवी

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें