सौर ऊर्जा से जगमगाया रेलवे स्टेशन और यार्ड
Moradabad News - मुरादाबाद मंडल में रेलवे ने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ लागू की हैं। बिजनौर स्टेशन का सौंदर्यीकरण और चंदौसी में 400 किलोवाट का सोलर प्लांट स्थापित किया गया है। इससे बिजली की लागत में...

मुरादाबाद मंडल में रेलवे ने बिजली खर्च बचाकर सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया है। एक साल में रेलवे स्टेशन से लेकर यार्ड आदि में बिजली से कम सौर ऊर्जा का इस्तेमाल ज्यादा हो रहा है। बड़ी उपलब्धि अमृत भारत योजना में संवारे गए बिजनौर स्टेशन भवन के सौंदर्यीकरण को फसाड लाइटें है। स्टेशन भवन रंग-ञबिरंगी लाइटों से चमकने लगा है। चंदौसी में क्षेत्रीय रेल प्रशिक्षण संस्थान में दो करोड़ की लागत से चार सौ किलोवाट का सोलर प्लांट लगाया गया है। प्लांट का उद्देश्य सौर ऊर्जा के जरिए बिजली की जरुरतों को पूरा करना है। सोलर पैनल सूर्य की किरणों से ऊर्जा एकत्रित करते है। इस प्लांट से चंदौसी स्टेशन पर बिजली जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा इससे पूरा हो रहा है। बिजली की लागत भी घटी है। इसी तरह गुमथल स्टेशन पर 10 किलोवाट क्षमता का सोलर प्लांट अक्तूबर माह में स्थापित किया गया। देहरादून मे वित्तीय वर्ष 24-25 में अप्रैल माह 25 किलोवाट क्षमता का सौर ऊर्जा प्लांट का शुभारंभ भी किया गया।
सीनियर डीसीएम आदित्य गुप्ता ने बताया कि मंडल में बिजली की उपयेाग कम कर सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सोलर प्लांट व पैनल पर जोर दिया है। मुरादाबाद में रेलवे कंट्रोल रुम की नई बिल्डिंग में भी 70 किलोवाट का सोलर प्लांट शुरु हुआ। विभिन्न भवनों में 600 ऊर्जा कुशल बीएलडीसी पंखें लगे। जिससे बिजली खर्च में बचत की जा सकें।
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प्रमुख कार्य:
-हापुड़,मुरादाबाद व रोजा के गुड्स शेड में आठ हाईमास्ट टॉवर। चौबीस घंटे रोशन
-योगनगरी ऋषिकेश स्टेशन की वाशिंग लाइनों को 750 वोल्ट की बाहरी आपूर्ति, स्टेशन पर 11/0.75 केवी क्षमता का सब स्टेशन।
-एलएचबी( लिंक हॉफमैन बुश)कोच के रैकों का रखरखाव पावरकार से डीजल जनरेटर के उपयोग से किया जाता। अब इसके संचालन के लिए हाई-स्पीड डीजल तेल की ही जरुरत।
-96 सौ ऊर्जा के लेवल क्रासिंग गेटों का एसईबी कनेक्शन के साथ विद्युतीकृत
-बिजनौर, स्योहारा व पिलखुवा में वाटर कूलर।
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