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भारतीय ज्ञान जीवन जीने की एक कला : प्रो. अग्रवाल

Moradabad News - मुरादाबाद में टीएमयू के आईकेएस केंद्र ने भारतीय ज्ञान परंपरा पर ऑनलाइन राष्ट्रीय कॉन्क्लेव का आयोजन किया। प्रो. केके अग्रवाल ने इसे विचारधारा बताया। टीएमयू के कुलपति प्रो. वीके जैन ने स्वदेशी ज्ञान और...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुरादाबादSat, 22 Feb 2025 07:46 PM
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भारतीय ज्ञान जीवन जीने की एक कला : प्रो. अग्रवाल

मुरादाबाद। टीएमयू के भारतीय ज्ञान परंपरा (आईकेएस) केंद्र के तत्वावधान में एनहैंसिंग इंडियन नॉलेज सिस्टम इफेक्टिवनेस इन एचईआई थ्रू करिकुलम पर ऑनलाइन नेशनल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। इसमें साउथ एशियन यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट प्रो. केके अग्रवाल ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा विषय नहीं, बल्कि एक विचारधारा है, जो सदियों से व्यक्ति के व्यवहार में झलकती आ रही है। यह विचारधारा विज्ञान, कला और विभिन्न भाषाओं के जरिये भारतीय समाज में मौजूद रहती है। भारतीय ज्ञान परंपरा जागरूकता का विषय होने के साथ-साथ समाज के विकास की भी बात करता है। ऑनलाइन कॉन्क्लेव में देश के प्रख्यात विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने अपने-अपने सारगर्भित विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। संचालन आईकेएस केंद्र की समन्वयक डॉ. अलका अग्रवाल ने किया।

इससे पूर्व टीएमयू के कुलपति प्रो. वीके जैन ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा की नेशनल कॉन्क्लेव का मुख्य उद्देश्य स्वदेशी ज्ञान, आयुर्वेद, योग जैसे महत्वपूर्ण विषयों और समकालीन ज्ञान को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय अस्मिता और पहचान को बनाए रखना हर भारतीय का कर्तव्य है। टीएमयू आईकेएस सेंटर के प्रोफेसर चेयर प्रो. अनुपम जैन ने कहा कि पठन-पाठन सामग्री सरल भाषा में उपलब्ध हो। टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने कहा कि हमने यूनिवर्सिटी की एक छोटी यात्रा के साथ शुरूआत की, जो आज करीब 14 कालेजों के संग अपने पथ पर अग्रसर है। आईकेएस केंद्र की समन्वयक डॉ. अलका अग्रवाल ने समय के महत्व पर चर्चा की। टीएमयू के फाउंडर वीसी, यूजीसी के मेंबर एवं गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी, दिल्ली के प्रो. आरके मित्तल ने बताया कि भारत प्राचीन काल से ही विज्ञान, कला और शिक्षा के क्षेत्र में काफी आगे था, लेकिन ब्रिटिश शासन के दौरान पूरी व्यवस्था को नष्ट करने का प्रयास किया गया, ताकि उपनिवेशी और साम्राज्यवादी विचारधारा को स्थापित किया जा सके। इस मौके पर प्रो. अजय कुमार जैन, प्रो. संदीप सचेती, प्रो. आरएल रैना, प्रो. हरबंश दीक्षित, प्रो. विपिन जैन, प्रो. प्रवीन जैन, प्रो. एसपी सुभाषिनी, डॉ. नितीश मिश्रा डॉ. अनुराग वर्मा आदि मौजूद रहे।

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